Electoral Bonds Scheme: SC ने तत्काल प्रभाव से लगाई रोक, जानिए क्या होते हैं इलेक्टोरल बॉन्ड?
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Electoral Bonds Scheme: SC ने तत्काल प्रभाव से लगाई रोक, जानिए क्या होते हैं इलेक्टोरल बॉन्ड?

Electoral Bond: सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 15 फरवरी को 'चुनावी बॉन्ड पर सुनवाई करते हुए बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर तत्काल रूप से रोक लगा दी है. इसके साथ कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है. 

Electoral Bonds Scheme: SC ने तत्काल प्रभाव से लगाई रोक, जानिए क्या होते हैं इलेक्टोरल बॉन्ड?

SC on Electoral Bond: सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 15 फरवरी को 'चुनावी बॉन्ड पर सुनवाई करते हुए बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर तत्काल रूप से रोक लगा दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि चुनावी बॉन्ड, वोटर के अधिकारों का हनन हैं. फंडिग की सोर्स की जानकारी बेहद जरूरी है. इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम में संशोधन असंवैधानिक भी हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को आदेश दिया है कि जितने भी इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे गए हैं, सभी की जानकारी इलेक्शन कमीशन को 6 मार्च तक दें और इलेक्शन कमीशन को भी आदेश दिया गया है कि वह 31 मार्च तक इन सभी जानकारी को अपने वेबसाइट अपलोड करे. दरअसल, भारत के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने पिछले साल 2 नवंबर को इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम?
साल 2018 में केंद्र सरकार के जरिए अधिसूचित चुनावी बॉन्ड योजना को पॉलिटिकल फंडिंग में पारदर्शिता लाने की कोशिशों के तहत राजनीतिक पार्टियों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में देखा गया था. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29A के तहत रजिस्टर्ड है और उन्हें पिछले आम चुनाव या राज में विधानसभा इलेक्शन में एक फीसद से ज्यादा वोट मिले हों, वहीं, राजनीतिक पार्टी इलेक्टोरल बॉन्ड का फायदा उठा सकते हैं. 

इन शाखाओं में जमा होती है बॉन्ड
इलेक्टोरल बॉन्ड भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की चुनिंदा शाखाओं से मिलते हैं. SBI की जिन 29 शाखाओं से चुनावी खरीदे जा सकते हैं, वे नई दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, भुवनेश्वर, गांधीनगर, चंडीगढ़, भोपाल, मुंबई, जयपुर, लखनऊ, चेन्नई, कलकत्ता और गुवाहाटी समेत कई शहर में हैं.

कौन खरीद सकता है इलेक्टोरल बॉन्ड
इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को इंडिया का कोई भी नागरिक, कंपनी या इदारा खरीद सकती है. ये बॉन्ड एक हजार, दस हजार, एक लाख और 1 करोड़ रुपये तक के हो सकते हैं. मुल्क का कोई भी नागरिक या कंपनी किसी भी पॉलिटिकल पार्टी को चंदा देना चाहते हैं, तो उन्हें भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने होंगे. वे बॉन्ड खरीदकर किसी भी राजनीतिक पार्टी को दे सकेंगे. इलेक्टोरल बॉन्ड में डोनर का नाम नहीं होता. इस बॉन्ड को खरीदकर आप जिस राजनीतिक पार्टी को चंदा देना चाहते हैं, इस पर उसका नाम लिखते हैं. इस बॉन्ड को आप बैंक को वापस कर सकते हैं और अपना पैसा वापस ले सकते हैं, लेकिन उसकी एक समय सीमा तय होती है. 

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