गुजरात की ग़रीबी और बदहाली छिपाने के लिए दीवार खड़ी करने की नौबत क्यों आई?
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गुजरात की ग़रीबी और बदहाली छिपाने के लिए दीवार खड़ी करने की नौबत क्यों आई?

उन्होंने लिखा कि ऐसा तब होता था जब गुलाम हिंदुस्तान में इंग्लैंड के राजा या रानी आते थे, तब उनके इस्तकबाल की ऐसी ही तैयारी होती थी और जनता की तिजोरी से बड़ा खर्च किया जाता था. मिस्टर ट्रंप के बारे में भी यही हो रहा है. 

फाइल फोटो...

नई दिल्ली: अमेरीकी सद्र डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी से दो दिन के लिए हिंदुस्तान दौरे पर आ रहे हैं. उनके इस्तकबाल में किसी तरह की कसर बाकी ना रह जाए इसके लिए पैसा पानी की तरब बहाया जा रहा है और ट्रंप की नज़रे ग़रीबों की झुग्गियों पर ना पड़ जाए इसका लिए दीवारें तामीर कराई जा रही हैं. इसको लेकर शिव सेना ने सामना में मरकज़ी हुकूमत पर निशाना साधा है और साथ ही यह भी कहा है जिस तरह ट्रंम के इस्तक़बात की तैयारियां हो रही हैं ऐसी तैयारियां गुलाम हिंदुस्तान में जब इंग्लैड के राजा या रानी आते थे तब की जाती थी.

उन्होंने लिखा कि अमेरिका के सद्र यानी ‘बादशाह’ अगले हफ्ते हिंदुस्तान दौरे पर आने वाले हैं इसलिए अपने मुल्क में ज़ोरदार तैयारी शुरू हो चुकी है. ‘बादशाह’ ट्रंप क्या खाते हैं, क्या पीते हैं, उनके गद्दे-बिछौने, टेबल, कुर्सी, उनका बाथरूम, उनके पलंग, छत के झूमर कैसे हों इस पर मरकज़ी हुकूमत सलाह-मशविरा करते हुए दिखाई दे रही है. उन्होंने लिखा कि ऐसा तब होता था जब गुलाम हिंदुस्तान में इंग्लैंड के राजा या रानी आते थे, तब उनके इस्तकबाल की ऐसी ही तैयारी होती थी और जनता की तिजोरी से बड़ा खर्च किया जाता था. मिस्टर ट्रंप के बारे में भी यही हो रहा है. 

उन्होंने मज़ीद लिखा कि ट्रंप अहमदाबाद एयरपोर्ट पर उतरेंगे इसलिए एयरपोर्ट और एयरपोर्ट के बाहर की सड़कों की ‘मरम्मत’ शुरू हो चुकी है. हम ऐसा पढ़ते हैं कि ट्रंप केवल तीन घंटों के दौरे पर आ रहे हैं और उनके लिए 100 करोड़ रुपया हुकूमत की तिजोरी से ख़र्च हो रहा है.' 'लेकिन इस सबमें मज़े की बात ऐसी है कि ट्रंप को सड़क से सटे ग़रीबों के झोपड़ियां ना दिख जाएं इसके लिए सड़क के दोनों ओर किलों की तरह ऊंची-ऊंची दीवारें बनाने का काम भी हो रहा है. शिव सेना सवाल किया कि ट्रंप की नज़र से गुजरात की ग़रीबी, झोपड़े बच जाएं, इसके लिए यह ‘राष्ट्रीय योजना’ हाथ में ली गई है, ऐसा कटाक्ष होने लगा है. ट्रंप को मुल्क का दूसरा पहलू ना दिखे क्या इसलिए यह सब हो रहा है.

उन्होंने मज़ीद कहा कि मोदी जी 15 सालों तक गुजरात राज्य के ‘बड़े प्रधान’ और अब पांच वर्षों से पूरे मुल्क के ‘बड़े प्रधान’ हैं फिर भी गुजरात की ग़रीबी और बदहाली छिपाने के लिए दीवार खड़ी करने की नौबत क्यों आई? ऐसा सवाल अमेरिकी मीडिया में भी पूछा जा सकता है. 

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