नोएडा में महिला से मारपीट करने वाला श्रीकांत त्यागी जेल से रिहा; जानें कोर्ट ने क्या कहा
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नोएडा में महिला से मारपीट करने वाला श्रीकांत त्यागी जेल से रिहा; जानें कोर्ट ने क्या कहा

Shrikant Tyagi Bail: श्रीकांत त्यागी को इलाहबाद हाई कोर्ट से बेल मिल गई है. बता दें उन पर एक महिला के साथ मारपीट करने का इल्जाम था और वह 9 अगस्त से जेल में बंद थे. पढ़ें पूरा मामला

नोएडा में महिला से मारपीट करने वाला श्रीकांत त्यागी जेल से रिहा; जानें कोर्ट ने क्या कहा

Shrikant Tyagi Bail: नोएडा की एक सोसाइटी में विवाद करने वाला आरोपी राजनेता श्रीकांत त्यागी बृहस्पतिवार को रिहा हो गए हैं. श्रीकांत ने सोसाइटी में एक महिला के साथ मारपीट की थी. पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है. बता दें श्रीकांत त्यागी 9 अगस्त से ग्रेटर नोएडा की लक्सर जेल में बंद थे. कुछ ही दिन पहले उसे इलाहबाद हाई कोर्ट ने जमानत दी थी. जिसके बाद अब उसे जेल से रिहा किया गया है.

देर शाम जेल से रिहा हुए श्रीकांत

जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह ने न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा को जानकारी दी कि श्रीकांत त्यागी को बृहस्पतिवार शाम को कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद रिहा कर दिया है. आपको बता दें श्रीकांत त्यागी सेक्टर 93बी स्थित ग्रैंड ओमेक्स सोसायटी में रहते हैं. सफेद कुर्ता-पायजामा और काली सदरी पहने 34 वर्षीय त्यागी शाम करीब साढ़े छह बजे जेल से रिहा हुए अपने घर पहुंचे.

परिवार ने किया समुदाय का शुक्रिया

रिहा होने के बाद परिवार ने त्यागी समुदाय का शुक्रिया अदा किया. आपको बता दें त्यागी समुदाय के कुछ लोग श्रीकांत त्यागी को निकलवाने की कोशिशों में थे. जिसके चलते त्यागी समाज ने पंचायत भी की थी और गिरफ्तारी के बाद सोसोइटी के बाहर प्रदर्शन भी किया था. इसके अलावा त्यागी समाज का कहना था कि श्रीकांत त्यागी के खिलाफ गुंडा कानून वापस लिया जाना चाहिए.

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पत्नी ने कही ये बात

श्रीकांत त्यागी की पत्नी हम बहुत खुश हैं और उनके स्वागत के लिए हमने मिठाइयां मंगवाई हैं. हम पूरे उत्साह से दीवाली मनाएंगे. त्यागी को इलाहबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को जमानत दी. आरोपी के वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि ‘राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण उन्हें फर्जी मामले में फंसाया गया है. जिसपर न्यायमूर्ति सिंह ने कहा था कि "मुकदमे की परिस्थितियों, आरोपों की प्रकृति और अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए  लेकिन मामले के गुण-दोष पर टिप्पणी किए बगैर, इस अदालत का विचार है कि आवेदक जमानत पाने योग्य है."

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