शुरू हुआ सदी का सबसे बड़ा सूरज ग्रहण, कुछ जगहों पर दिखेगी नायाब शक्ल
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शुरू हुआ सदी का सबसे बड़ा सूरज ग्रहण, कुछ जगहों पर दिखेगी नायाब शक्ल

ग्रहण की घेरेदार शक्ल सुबह शुमाली हिंदुस्तान भारत के राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: मुल्क के कुछ हिस्सों में आज गोलाकार सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) दिखाई देगा. इसमें सूरज आग के गोले की तरह दिखेगा. अर्थ साइंस मिनिस्ट्री ने कहा है कि ग्रहण का जुज़वी शक्ल सुबह 9.16 बजे शुरू होगी. गोलाकार शक्ल सुबह 10.19 बजे शुरू होगी और यह दोपहर 2.02 बजे खत्म होगा. वहीं ग्रहण की जुज़वी शक्ल दोपहर 3.04 बजे खत्म होगी. 

एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया ने कहा है, 'दोपहर के करीब, शुमाली हिंदुस्तान के कुछ इलाकों में सूरज ग्रहण एक सुंदर घेरेदार शक्ल (अंगूठी की शक्ल का) में दिखेगा क्योंकि चांद सूरज को पूरी तरह से नहीं ढक पाएगा.'

ग्रहण की घेरेदार शक्ल सुबह शुमाली हिंदुस्तान भारत के राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. इन सूबों के अंदर भी कुछ अहम मकामात स्थान हैं, जहां से साफ दिखेगा, जिनमें देहरादून, कुरुक्षेत्र, चमोली, जोशीमठ, सिरसा, सूरतगढ़ शामिल हैं.मुल्क के बाकी हिस्सों से, यह जुज़वी सूरज ग्रहण के तौर पर दिखाई देगा. यह कांगो, सूडान, इथियोपिया, यमन, सऊदी अरब, ओमान, पाकिस्तान और चीन से भी होकर गुजरेगा.

कहा जाता है कि सूरज ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. साइंस के मुताबिक नंगी आंखों से सूरज ग्रहण देखना आंखों के लिए नुकसान दायक साबित हो सकता है. सूरज ग्रहण को सोलर फिल्टर चश्मे या फिर टेलीस्कोप की मदद से ही देख सकते हैं. इसके अलावा बाजार में कई सर्टिफाइड चश्में दस्तेयाब हैं.

क्या होता है सूरज ग्रहण
जब सूरज व ज़मीन के बीच में चांद आ जाता है तो चन्द्रमा के पीछे सूरज कुछ वक्त के लिए ढक जाता है, उसी वारदात को सूरज ग्रहण कहते हैं. पृथ्वी सूरज के चारों ओर घूमती है और चांद ज़मीन के चक्कर लगाता है. कभी-कभी चांद, सूरज और ज़मीन के बीच आ जाता है. फिर वह सूरज की कुछ या सारी रोशनी रोक लेता है जिससे धरती पर साया फैल जाता है. इसे सूरज ग्रहण कहा जाता है.Zee Salaam Live TV

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