श्रीनगर की रहने वाली आरिफा जान ने महिलाओं को रोजगार देने के लिए घाटी की पारंपरिक हस्तकला के लिए तीन इकाइयां खोल दी है. ताकि शिल्पकारों को कला सीखने में ज्यादा दिक्कतों का सामना न करना पड़ें.
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शौकत बैग/श्रीनगरः देश के प्रधानमंत्री ने कोरोना काल के बाद जब वासियों को आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया था, उस समय घाटी की रहने वाली एक महिला इस संदेश को सच करने में लगी हुई थी. श्रीनगर के शिल्प विकास संस्थान से स्नातकोत्तर की डिग्री पूरी करने वाली 33 वर्षीय इस महिला ने हस्तकला के क्षेत्र में अलग नाम बनाया है. इन्होंने नमदा क्राफ्ट जो हस्तकला का एक प्रकार है, इस क्षेत्र में देश-विदेश के कई अवार्ड अपने नाम किए है. आज की स्पेशल स्टोरी में हम बता रहे हैं घाटी की रहने वाली आरिफा जान की कहानी.
जम्मू कश्मीर की रहने वाली आरिफा जान घाटी की महिलाओं को रोजगार और नमदा क्राफ्ट की ट्रेनिंग देकर मजबूत बना रही है. नमदा क्राफ्ट बेकार ऊन से डिजाइनरदार तरीके से बनाया जाता है. उन्होंने इस काम के 25 शिल्प कलाकारों को रोजगार और घाटी में ही 100 महिलाओं को प्रशिक्षित किया है. उन्हें लगता है कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और अन्य महिलाओं की मदद करनी चाहिए.
महिलाओं का रोजगार 175 रुपये से 450 रुपये किया
महिलाओं को रोजगार दिलाने के लिए उन्होंने तीन निर्माण इकाइयां स्थापित की है. जिनमें उन्होंने 10 साल से भी कम समय में इन कामगारों की मजदूरी को 175 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर आज 450 रुपये प्रतिदिन कर दिखाया है. पारंपरिक शिल्पकला को जिंदा रखने के अलावा महिलाओं को मजदूरी देने से उनका कारोबार तेजी से आगे बढ़ रहा है.
राष्ट्रपति ने किया है सम्मानित
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 2020 के दिन राष्ट्रपति भवन में 'नारी शक्ति पुरस्कार 2019' से सम्मानित किया गया. उन्हें ये अवार्ड राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा दिया गया. 2014 में अमेरिकी नागरिकता पात्रता प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया था. साथ ही उन्हें कश्मीर में प्रसिद्ध शिल्प के पुनरुद्धार के लिए उत्कृष्ट उपलब्धि से सम्मानित किया जा चुका है.
अपनी कला को बढ़ाने के लिए उन्होंने श्रीनगर के नूरबाग और नवा कदल इलाकों में दो अन्य नमदा क्राफ्ट की इकाइयों को स्थापित किया है. शुरुआत में आरिफा को एक महिला द्वारा पढ़ाने के बाद आज वे घाटी की 100 महिलाओं को रोजगार दे रही है. रिवाइवल ऑफ नमदा क्राफ्ट प्रोजेकट से लेकर नमदा पुनरुद्धार परियोजना तक उनके काम को आज पूरी दुनिया में पहचान मिल चुकी है.
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