Lady headmistress held for making SC students clean school toilets: यह मामला तमिलनाडु के इरोड जिले के एक प्राथमिक स्कूल का है, जहां महिला शिक्षिका स्कूल में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति के छात्रों से नियमित तौर पर स्कूल का शौचालय साफ करवाती थी.
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चेन्नईः तमिलनाडु के इरोड जिले में एक प्राथमिक स्कूल की महिला प्रधान शिक्षिका द्वारा अपने स्कूल में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति के छात्रों से स्कूल का शौचालय साफ करवाने का मामला प्रकाश में आया है. प्रधानाध्यापिका पर अनुसूचित जाति के छह छात्रों से कथित तौर पर स्कूल का शौचालय साफ कराने के आरोप है. हालांकि इस मामले में शनिवार को आरोपी शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया गया है. पलक्कराई पंचायत संघ प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका गीता रानी को जिले के पेरुंदुरई से गिरफ्तार किया गया है.
यह मामला उस वक्त सामने आया था जब कुछ छात्रों के माता-पिता ने अपने बच्चों के हाथों पर छाले देखे और इसके बारे में उनसे पूछताछ की थी कि ये छाले कैसे हुए हैं? डेंगू के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती एक बच्चे ने अपनी मां को बताया था कि कुछ छात्रों से नियमित तौर पर स्कूल के शौचालयों को ब्लीचिंग पाउडर से साफ कराया जा रहा है. स्कूल में एक शौचालय छात्रों के लिए और दूसरा शिक्षकों के लिए बने हैं.
मामले का खुलासा होने के बाद छात्रों के अभिभावकों ने पुलिस से संपर्क कर स्कूल की प्रिंसिपल गीता रानी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और उसकी तलाश शुरू कर दी गई है. इस बीच, जिला शिक्षा अधिकारियों ने भी इस मामले की जांच की और इसे सही पाया था. प्रधानाध्यापिका को 30 नवंबर को निलंबित कर दिया गया था.
यह कोई पहला मामला नहीं है जब किसी स्कूल में किसी अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले छात्रों को भेदभाव का सामना करना पड़ा हो. देशभर से ऐसी खबरें लगातार आ रही है, जिसमें अनुसूचित जाति के छात्रों के साथ शिक्षक भेदभवपूर्ण रवैया अपनाते हैं. कई स्कूलों में अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले रसोइये के हाथ का बना मिड-डे मील खाने से भी छात्रों ने मना कर दिया था. हालांकि इन तमाम मामलों में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है.
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