Ramadan Special Story: आखिरी बार ऐसा 1997 में हुआ था और उससे पहले 1965 में हुआ था. आगे आने वाले ग्रेगोरियन की बात करें तो साल 2030 में आएगा और उसके बाद 2063 में एक ही साल में दो बार रमजान का पवित्र महीना आएगा.
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मुसलमानों को सबसे मुकसद्दस महीना "रमज़ान" चल रहा है. अंग्रेजी साल के मुताबिक यह महीना साल में एक बार आता है लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ वर्षों पहले रमजान का महीना एक साल में दो बार आया था और अगले कुछ वर्षों में फिर से साल में दो बार रमजान आने वाला है. सऊदी अरब के एक एस्ट्रोनोमर एक्सपर्ट ने अपने ट्वीटर के ज़रिए लोगों को यह जानकारी दी है.
ऐसा इसलिए है क्योंकि इस्लामिक हिजरी कैलेंडर चंद्र काल पर आधारित है, जबकि ग्रेगोरियन कैलेंडर (अंग्रेजी कैलेंडर) जमीन के चारों ओर सूर्य के घूमने के सिहाब से बना है. खगोलशास्त्री ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि दो कैलेंडर के बीच अंतर का मतलब है कि रमजान लगभग हर 30 साल में ग्रेगोरियन वर्ष में होता है.
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आखिरी बार ऐसा 1997 में हुआ था और उससे पहले 1965 में हुआ था. आगे आने वाले ग्रेगोरियन की बात करें तो साल 2030 में आएगा और उसके बाद 2063 में एक ही साल में दो बार रमजान का पवित्र महीना आएगा.
इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक साल 1451 में रमजान का आगाज़ 5 जनवरी 2030 के आसपास शुरू होगा और वर्ष 1452 हिजरी को 26 दिसंबर 2030 के आसपास आएगा. नतीजतन, मुसलमान 2030 में कुल 36 दिनों के लिए रोजा रखेंगे. 1451 हिजरी में 30 दिनों का एक पूरा महीना और 1452 में पांच या छह दिन रहेंगे.
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हिजरी चंद्र वर्ष (इस्लामी साल) 354 या 355 दिनों का होता है, जिसका मतलब है कि यह 365 दिन के ग्रेगोरियन वर्ष (अंग्रेजी साल) के बराबर नहीं है. बल्कि दोनों कैलेंडर के दिनों के हेरफेर होता रहता है. इससे यह भी साफ होता है कि रमजान हर बार अलग मौसमों में आता हैं हालांकि ज्यादा दिनों का अंतर नहीं होता. 1449 हिजरी (इस्लामी साल) यानी 2028 में आने वाला रमजान का महीना सर्दियों के बीच में होगा.
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