गुजरात के स्कूलों में पढ़ाई जाएगी यह खास धार्मिक किताब, आप और कांग्रेस को नहीं है ऐतराज
Advertisement

गुजरात के स्कूलों में पढ़ाई जाएगी यह खास धार्मिक किताब, आप और कांग्रेस को नहीं है ऐतराज

गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता हेमंग रावल ने इस कदम पर अपनी राय रखते हुए कहा "हम श्रीमद्भगवद गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्णय का स्वागत करते हैं,

Jitu Vaghani

Gujarat: भगवद् गीता को अकादमिक वर्ष 2022-23 से गुजरात सरकार ने पूरे राज्य में छठी से 12वीं कक्षाओं तक के स्कूली पाठ्यक्रमों में शामिल करने के लिए विधानसभा में घोषणा की. शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने विधानसभा में शिक्षा विभाग के लिए यह घोषणा की. मंत्री ने कहा कि स्कूली पाठ्यक्रम में बच्चों के लिए भगवद् गीता में मौजूद नैतिक मूल्यों एवं सिद्धांतों को जानना बहुत जरूरी है और इसे शामिल करना चाहिए. भगवद् गीता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय केंद्र की नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए किया गया है.

बच्चे भारत की संस्कृति पर गर्व महसूस कर सकें
उन्होंने कहा कि NEP को भविष्य के टेक्नोलॉजी के साथ साथ प्राचीन संस्कृति, परपंराओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है ताकि बच्चे भारत की संस्कृति और साहित्य पर लेकर अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाएं और भारत की संस्कृति पर गर्व महसूस कर सकें. वघानी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सभी धर्मों के लोगों ने इस प्राचीन हिंदू ग्रंथ में लिखी और कही गई नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों को स्वीकार किया और अपनी जिंदगी में उतारने की कोशिश की है.

यह भी पढ़े:यह शख्स योगी अदित्यनाथ का है बड़ा फैन; सीएम से मिलने राजस्थान से चला आया पैदल

सरकार ऑडियो-वीडियो सीडी उपलब्ध कराएगी
उन्होंने कहा कि भगवद् गीता को आधार मान कर स्कूलों में  प्रार्थना, गद्यांश, श्लोक का पाठ, नाटक, पेंटिंग और क्विज जैसी गतिविधियां भी आयोजित कराई जाएगी. मंत्री ने कहा कि बच्चों के लिए स्कूलों में पुस्तक एवं ऑडियो-वीडियो सीडी उपलब्ध कराई जाएगी. गुजरात के स्कूलों में श्रीमद्भगवद गीता को अध्ययन के लिए  शामिल करने के फैसले का कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ने स्वागत किया है.

सरकार को भी गीता से ही सीखने की जरूरत
गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता हेमंग रावल ने इस कदम पर अपनी राय रखते हुए कहा "हम श्रीमद्भगवद गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्णय का स्वागत करते हैं, लेकिन गुजरात सरकार को भी श्रीमद भगवद गीता से ही सीखने की जरूरत है. "गुजरात में स्कूल छोड़ने वालों की संख्या सबसे अधिक है और कई छात्र कक्षा 8 तक पढ़ना और लिखना भी नहीं जानते हैं".

Video:

Trending news