क्या आधार कार्ड आपकी शहरियत का सुबूत है? जानें क्या कहा UIDAI ने
इसी बीच हैदराबाद के 127 लोगों को UIDAI ने नोटिस भेजा है कि वो अपनी शहरियत साबित करें. इसके बाद मामला ने मज़ीद तूल पकड़ लिया है और सियासी ली़डरान ने हुकूमत को निशाना बनाना शुरू कर दिया है
नई दिल्ली: शहरियत तरमीमी कानून (CAA) का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी बीच हैदराबाद के 127 लोगों को UIDAI ने नोटिस भेजा है कि वो अपनी शहरियत साबित करें. इसके बाद मामला ने मज़ीद तूल पकड़ लिया है और सियासी ली़डरान ने हुकूमत को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. इसी सिम्त में AIMIM सहबराह असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार पर निशाना साधा है.बता दें कि हैदराबाद के निवासी मोहम्मद सत्तार को UIDAI ने नोटिस एक नोटिस भेजा है जिसमें उनसे उनकी शहरियत साबित करने को कहा गया है. मोहम्मद सत्तार हैदराबाद के पुराने निवासी हैं
रिपोर्ट में पुलिस ने कहा है कि 127 मामले ऐसे थे, जो शुरूआती जानकारी में ग़ैर कीनूनी तरीक़े से हिंदुस्तान में घुसने के पाए गए और उनके पास आधार था. दफा के मुताबिक, ऐसे आधार कार्ड जो ग़लत तरह से हासिल किए गए हैं, उन्हें कैंसिल किया जाता है. दफा यह भी कहती है कि आधार भारत का शहरी होने का सुबूत नहीं है बल्कि वो ये बताता है कि अमुक व्यक्ति आधार हासिल करने के 182 दिन पहले से भारत में रह रहा है.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि ग़ैर क़ानूनी तरीके से हिंदुस्तान में आए लोगों को आधार न दिये जाएं. ग़ैर कानूनी तरीक़े से जिन लोगों ने आधार लिया था, उन्हें इलाकाई दफ्तर में बुलाया गया है, ताकि वो उन्हे कैंसिल करने से पहले अपने आधार की दावेदारी पेश कर सकें. इसके लिए उन 127 लोगों को 20 फरवरी तक का वक्त दिया गया है कि वो इलाकाई दफ्तर पहुंचकर अपना बायोमेट्रिक वग़ैरा की जानकारी सही बताएं.