तंजीम उलमा-ए-इस्लाम को चाहिए 1658 ईस्वी जैसा भारत; अखंड भारत पर कह डाली यह बात
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तंजीम उलमा-ए-इस्लाम को चाहिए 1658 ईस्वी जैसा भारत; अखंड भारत पर कह डाली यह बात

तंजीम उलमा-ए-इस्लाम (Ulama-e-Islam) ने शनिवार को कहा कि उसने उपमहाद्वीप में मुत्तहिदा हिंदुस्तान या वन इंडिया आंदोलन शुरू किया है

तंजीम उलमा-ए-इस्लाम को चाहिए 1658 ईस्वी जैसा भारत; अखंड भारत पर कह डाली यह बात

नई दिल्ली: बरेलवी आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा अखिल भारतीय तंजीम उलमा-ए-इस्लाम (Ulema-e-Islam) ने शनिवार को कहा कि उसने उपमहाद्वीप में मुत्तहिदा हिंदुस्तान या वन इंडिया आंदोलन शुरू किया है और वे इसे दुनिया भर में ले जाएंगे. एक प्रोग्राम में बोलते हुए, ऑल इंडिया तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने कहा कि वे पुराने समय का भारत चाहते हैं, जैसा कि 1658 ईस्वी में था. मंच पर मौजूद अन्य प्रमुख मुस्लिम व्यक्तियों द्वारा भी उनका समर्थन किया गया.

बरेलवी संप्रदाय का प्रमुख संगठन होने का दावा करने वाली मुस्लिम संस्था समुदाय के सामाजिक सुधारों पर भी काम कर रही है और मुस्लिम समाज से सामाजिक बुराइयों को मिटाने की कोशिश कर रही है. संगठन के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने एक न्यूज़ एजेंसी से कहा, भारत को पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बर्मा, तिब्बत, श्रीलंका और बांग्लादेश के विलय के साथ मुत्तहिदा हिंदुस्तान (अखंड भारत) का दर्जा प्राप्त करना चाहिए, जैसा कि 1658 ईस्वी में था. संगठन ने इसके लिए वैश्विक स्तर पर एक आंदोलन शुरू किया है.

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उन्होंने कहा कि अगर जर्मनी एकजुट हो सकता है, तो भारतीय उपमहाद्वीप को क्यों नहीं. खास तौर से इस इलाके में मौजूद सामान्य संस्कृति को देखते हुए ऐसा किया जा सकता है. उन्होंने कहा, यह भारत को एक मजबूत देश बनाएगा और हम इसके लिए लोगों को प्रेरित करने की कोशिश कर रहे हैं.

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