पत्नी कांग्रेस विधायक, पति बसपा का MP उमीदवार; घर छोड़कर खेत को बनाया अपना ठिकाना
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पत्नी कांग्रेस विधायक, पति बसपा का MP उमीदवार; घर छोड़कर खेत को बनाया अपना ठिकाना

UP Lok Sabha Chunav 2024: बालाघाट के पूर्व सांसद व बसपा प्रत्याशी कंकर मुंजारे ने अपना घर छोड़ दिया है कि उनकी पत्नी बालाघाट से कांग्रेस पार्टी की मौजूदा विधायक हैं. कंकर ने टिकट मिलने के बाद विधायक पत्नी अनुभा मुंजारे को पहले ही घर छोड़कर जाने को कहा था

पत्नी कांग्रेस विधायक, पति बसपा का MP उमीदवार; घर छोड़कर खेत को बनाया अपना ठिकाना

UP Lok Sabha Chunav 2024: उत्तर प्रदेश की बालाघाट सीट इन दिनों सियासी चर्चाओं का केंद्र बन चुका है. मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी ने यहां से पूर्व सांसद कंकर मुंजारे को प्रत्याशी बनाया है. लेकिन सबसे दिलचस्प बात यह है कि कंकर मुंजारे अपने घर के बजाय खेत से चुनाव का संचालन कर रहे हैं. वह घर छोड़कर 5 अप्रैल से एक पेड़ के नीचे रहने के लिए मजबूर हैं. कंकर मुंजरे को पेड़ के नीचे रहने के लिए के लिए कोई और बल्कि उनकी पत्नी ने मजबूर किया है.   

दरअसल, बालाघाट के पूर्व सांसद व बसपा प्रत्याशी कंकर मुंजारे ने अपना घर छोड़ दिया है कि उनकी पत्नी बालाघाट से कांग्रेस पार्टी की मौजूदा विधायक हैं. कंकर ने टिकट मिलने के बाद विधायक पत्नी अनुभा मुंजारे को पहले ही घर छोड़कर जाने को कहा था, लेकिन अनुभा ने यह कहते हुए जाने से मना कर दिया कि "मेरी डोली इसी घर में आई है और अर्थी भी यहीं से निकलेगी". इसके बाद बसपा नेता को यह फैसला लेना पड़ा. 

पूर्व सांसद ने अपने गाड़ी में अपना सामान रखकर अपने घर को 19 अप्रैल तक के लिए अलविदा कह दिया है. वह बालाघाट से सात किलोमीटर दूर गांगुलपारा के पास खेत में एक पेड़ के नीचे मचान लगाकर रह रहे हैं और वहीं से  चुनाव का संचालन कर रहे हैं. वह कई दिनों से विधायक पत्नी द्वारा कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी के सपोर्ट में किये जा रहे चुनावी प्रचार से काफी नाराज थे.

मुंजारे ने कहा कि लोकसभा चुनाव में वह भी प्रत्याशी हैं, ऐसे में एक ही घर में दो अलग-अलग पार्टियों के चुनावी प्रोग्राम तय नहीं हो सकते. पहले तो उन्होंने पत्नी को घर छोड़ने के लिए कहा, लेकिन उनके साफ-साफ मना करने के बाद बसपा उम्मीदवार को झुकना पड़ा.

कंकर मुंजारे ने कहा कि वह सिद्धातों पर चलने वाले नेता हैं, जो कहते हैं, करके दिखाते हैं. उन्होंने बताया कि वह 4 अप्रैल को ही चले जाते, लेकिन अनुभा मुंजारे कहीं बाहर गई थीं. उन्होंने कहा कि सियासत में साफ-सुथरापन होना जरूरी है.

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