UPSC ने की बड़ी कार्रवाई, ट्रेनी IAS पूजा खेडकर उम्मीदवारी की रद्द, भविष्य में भी नहीं दे पाएगी परीक्षा !
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UPSC ने की बड़ी कार्रवाई, ट्रेनी IAS पूजा खेडकर उम्मीदवारी की रद्द, भविष्य में भी नहीं दे पाएगी परीक्षा !

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रशिक्षु आईएएस पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी है. साथ ही यूपीएससी ने उन्हें भविष्य में परीक्षा देने पर भी रोक लगा दिया है. 

UPSC ने की बड़ी कार्रवाई, ट्रेनी IAS पूजा खेडकर उम्मीदवारी की रद्द, भविष्य में भी नहीं दे पाएगी परीक्षा !

IAS Puja Khedkar: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रशिक्षु आईएएस पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी है. साथ ही यूपीएससी ने उन्हें भविष्य में परीक्षा देने पर भी रोक लगा दिया है.

पूजा ने यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 821 हासिल की थी. प्रशिक्षु आईएएस पर अपने अधिकार का दुरुपयोग करने का आरोप है. उन पर सिविल सेवा परीक्षा में स्वीकार्य सीमा से ज्यादा प्रयासों का फायदा उठाने के लिए अपनी पहचान को गलत साबित करने का भी इल्जाम है.

इसके बाद संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने  दिल्ली पुलिस के अपराध शाखा में खेडकर के खिलाफ 19 जुलाई प्राथमिकी दर्ज करवाई थी और अपराध शाखा के एडिशनल कमिश्नर के नेतृत्व में एक टीम को विभिन्न सरकारी विभागों से दस्तावेज़ इकट्ठा करने की जिम्मेदारी सौंपी थी.

अपारध शाखा ने खेड़कर के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 464 (काल्पनिक व्यक्ति के नाम पर दस्तावेज बनाना), 465 (जालसाजी) और 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में पेश करना) और अधिकारों की धारा 89 और 91 के तहत मामला दर्ज किया था. साथ ही खेडकर के खिलाफ विकलांग व्यक्ति अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66डी दर्ज की गई थी.

यूपीएससी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था, "जांच से यह पता चला है कि उसने अपना नाम, अपने पिता और माता के नाम, अपनी तस्वीर/हस्ताक्षर, अपनी ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर बदलकर अपनी पहचान फर्जी बनाकर परीक्षा नियमों के तहत अनुमेय सीमा से अधिक प्रयासों का धोखाधड़ी से लाभ उठाया और उन्होंने अपनी शारीरिक विकलांगता साबित करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया."

यूपीएससी की यह कार्रवाई पूजा खेडकर को महाराष्ट्र सरकार के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से मुक्त किए जाने के दो सप्ताह बाद आई है. इससे पहले उन्हें मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में वापस बुला लिया गया और उनका प्रशिक्षण रोक दिया गया था.

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