UP Politics: समाजवादी पार्टी के नेशनल सेक्रेटरी आबिद रजा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. लोकसभा चुनाव 2024 से अखिलेश यादव के लिए ये बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है.
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UP Politics: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सामजवादी पार्टी को यूपी में बहुत बड़ा झटका लगा है. पार्टी के नेशनल सेक्रटरी और बड़ा मुस्लिम चेहरा आबिद रजा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने इस्तीफा देने के बाद पार्टी पर जमकर हमला किया. रजा ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं थी, मेरे पास कोई अधिकार भी नहीं थे. शायद मुसलमान को खुश करने के लिए ही किया गया था.
उन्होंने कहा कि PDA बनाया लेकिन इससे मुसलमान गायब है. मुसलमानों को मजाक बनाकर उनके खिलाफ लोगों को इस्तेमाल करता है. साथ ही अकलियतों को कमजोर करने की साजिश की जा रही है. यह गठबंधन सिर्फ मुसलमान को रोकने के लिए किया जा रहा है.
पार्टी अपने आपको जब कमजोरी महसूस करती है तो गठबंधन कर लेती है. वर्किंग मैनेजमेंट की कमजोरी के बावजूद भी मुसलमान अपने वोट से पार्टी को कामयाब करता है. लेकिन मुसलमानों की तरक्की के लिए कोई काम नहीं होता है. रजा ने कहा कि मुसलमान के वोट की वैल्यू कम हो रही है और मुसलमान के लीडरों को कमजोर किया जा रहा है. इन दोनों नीतियों के मैं खिलाफ हूं.
मुसलमानों ने 2022 में एकतरफा वोट किया
मैं 14 तारीख को एक खत लिखा था,जिसमें मैंने कहा था कि कम से कम एक मुसलमान को राज्यसभा का टिकट दिया जाए. लेकिन पार्टी ने फिर से अकलियतों की उपेक्षा की.साल 2022 के इलेक्शन में मुसलमान ने एक तरफा वोट देकर सपा को 111 सीट जिताई.
मुसलमानों को नजरअंदाज करने का रिजल्ट सामने
मुसलमानों को बार-बार सपा ने नजरअंदाज किया. नतीजा यह हुआ नगर निकाय चुनाव में मुसलमान पीछे हट गया. जिसका रिजल्ट सबके सामने है. आज के वक्त में मुसलमान यह महसूस कर रहा है कि जिस पार्टी के वह वोट देता है उसकी कोई वैल्यू उसमें नहीं रह जाती है. रजा ने आजम खान का जिक्र करते हुए कहा कि खान साहब के साथ क्या हुआ यह सब जानते हैं.
साल 2017 के इलेक्शन में बैनर के ऊपर आजम खान साहब का फोटो भी लगाना बंद कर दिया था. मैं अखिलेश यादव का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने मुझे पार्टी राष्ट्रीय सचिव बनाया. शायद मुसलमान को खुश करने के लिए ही किया गया था. लेकिन जो मुसलमान की सियासी हालात है उसको सुधार करने में कामयाब नहीं हो पाया.
"मैंने इस्तीफा दे दिया है क्योंकि मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं थी और न ही मेरे कोई अधिकार थे. मेरे इस्तीफे के पीछे के कुछ कारण थे. पार्टी लगातार कमजोर हो रही है. मैं समाजवादी पार्टी के नेशनल चीफ का सम्मान करता हूं."