चुनाव आयोग के दुश्मन हैं मतदान के दिन घर पर सोने वाले वोटर्स; आयोग कर रहा है बड़ी पलानिंग!
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चुनाव आयोग के दुश्मन हैं मतदान के दिन घर पर सोने वाले वोटर्स; आयोग कर रहा है बड़ी पलानिंग!

Voters not cast vote: भारत में पिछले कुछ सालों में पंजीकृत वोटर्स की तादाद में धीरे-धीरे इजाफा देखा गया लेकिन चुनावों में उनकी भागीदारी कम होती जा रही है, जिसे लेकर चुनाव आयोग चिंतित हो गया है. 

 

 चुनाव आयोग के दुश्मन हैं मतदान के दिन घर पर सोने वाले वोटर्स; आयोग कर रहा है बड़ी पलानिंग!

नई दिल्लीः भारत में 1951 के बाद से वोटर्स की कुल तादाद में लगभग छह गुना इजाफा देखा गया है. इस साल यह संख्या 94.50 करोड़ से ज्यादा हो गई है. हालांकि इनमें से लगभग एक-तिहाई वोटर्स ने पिछले लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया. इस वजह से निर्वाचन आयोग ज्यादा से ज्यादा वोटर्स को मतदान केंद्रों पर लाने के लिए कोशिश कर रहा है. साल 1951 में, जब पहले आम चुनाव के लिए वोटर लिस्ट तैयार की गई थी, तब भारत में 17.32 करोड़ पंजीकृत वोटर थे और तब 45.67 प्रतिशत वोटर्स ने अपने वोट का इस्तेमाल किया था.
निर्वाचन आयोग ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में हुए विधानसभा चुनावों में शहरी मतदाताओं की उदासीनता की तरफ इशारा किया है. इस साल कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और अगले साल प्रस्तावित लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर निर्वाचन आयोग का लक्ष्य वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाना है. 

पंजीकृत वोटर्स की तादाद में इजाफा 
पिछले कुछ सालों में पंजीकृत वोटर्स की तादाद में धीरे-धीरे इजाफा देखा गया और बाद के चुनावों में उनकी भागीदारी भी बढ़ती गई. साल 1957 के आम चुनाव में पंजीकृत वोटर्स की तादाद 19.37 करोड़ थी और 47.74 प्रतिशत ने मतदाताओं ने वोट डाला था. मतदान फीसदी को 75 प्रतिशत तक ले जाने की चर्चा के बीच निर्वाचन आयोग ने उन 30 करोड़ मतदाताओं के मुद्दे को उठाया है, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान करने नहीं पहुंचे थे. इन 30 करोड़ वोटर्स की श्रेणी में शहरी क्षेत्र के लोग, युवा और प्रवासी वोटर्स शामिल हैं.

घट रही वोट करने वाले वोटर्स की तादाद 
साल 1962 के आम चुनाव में पहली बार चुनाव प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी 50 प्रतिशत से ज्यादा हो गई, जब 21.64 करोड़ मतदाताओं में से 55.42 फीसदी ने अपने वोट का प्रयोग किया था. वर्ष 2009 तक, पंजीकृत मतदाताओं की कुल तादाद 71.70 करोड़ हो गई थी, लेकिन मतदान प्रतिशत सिर्फ 58.21 फीसदी था, जो 1962 के मुकाबले मतदान प्रतिशत में मामूली इजाफा था. साल 2014 के आम चुनाव में पंजीकृत मतदाताओं की तादाद 83.40 करोड़ थी और मतदान फीसदी  66.44 तक बढ़ गया. साल 2019 के आम चुनाव में 91.20 करोड़ पंजीकृत वोटर्स थे और 67.40 प्रतिशत मतदाता मतदान केंद्रों पर वोट डालने पहुंचे थे. इस साल एक जनवरी को कुल मतदाताओं की संख्या 94,50,25,694 पहुंच गई है. 

Zee Salaam

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