दिल्ली में घने कोहरे के वजह से कम दृश्यता की स्थिति पिछले कुछ दिनों से फ्लाइट ओपरेशन में बाधा डाल रही है. दृश्यता की इस समस्या के कारण 8 उड़ानों को डायवर्ट किया गया और 100 से अधिक उड़ानों में देरी हुई.
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देश की राजधानी दिल्ली को बीते कुछ दिनों से घने कोहरा की चादर ने ढका हुआ है. रविवार और सोमवार को सुबह 5 बजे से 9 बजे के बीच दृश्यता में कई घंटों तक उतार-चढ़ाव हुआ और इतना ही नही दृश्यता कभी-कभी शून्य तक भी गिरी. इतना ही नही मंगलवार यानि आज सुबह से लेकर दुपहर के लगभग 1 बजे तक राष्ट्रीय राजधानी कुछ इसी तरह घने कोहरे की चपेट में रही. दिल्ली में कोहरे की घनी चादर के कारण बड़े पैमाने पर फ्लाइट ओपरेशनस पर असर पड़ा है.भारत के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट में से एक, दिल्ली एयरपोर्ट को आज कम दृश्यता और कोहरे की स्थिति के कारण कई महत्वपूर्ण उड़ानों को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ा.
रनवे पर घने कोहरे की चादर के कारण दृश्यता लगभग शून्य तक थी जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 30 प्रस्थानों में देरी हुई, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा. इसके अलावा 17 उड़ानें को रद्द करना पड़ा,जिससे स्थिति और भी खराब हो गई.
हैदराबाद, बेंगलुरु और अहमदाबाद सहित देश के अन्य एयरपोर्ट ने भी खराब मौसम के कारण उड़ानों की आवाजाही में व्यवधान की सूचना दी. इंडिगो, स्पाइसजेट और विस्तारा सहित प्रमुख एयरलाइनों ने चेतावनी देते हुए कहा कि दिल्ली और कोलकाता में चल रहे खराब मौसम की स्थिति उड़ान कार्यक्रम को और भी प्रभावित कर सकती है. इस घने कोहरे के चलते दिल्ली एयरपोर्ट ने यात्रियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें उनसे यात्रा से पहले एयरलाइंस से संपर्क करने का आग्रह किया गया है. केंद्र ने सोमवार को दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल) को आईजीआईए के मुख्य CAT III बी रनवे - 28/10 को तुरंत चालू करने का निर्देश दिया, क्योंकि भारी और अभूतपूर्व कोहरे के कारण देश भर में, विशेषकर उत्तर भारत में उड़ान में व्यवधान जारी है. आपको बता दें CAT III बी रनवे सितंबर 2023 से मरम्मत के कम के लिए बंद है और सरकार ने इसे तुरंत चालू करने का निर्देश दिया है.
The Directorate General of Civil Aviation (DGCA) ठंड के इस मौसम में कोहरे के कारण यात्रियों को होने वाली भारी असुविधा को कम करने के लिए एयरलाइंस और एयरपोर्ट संचालकों को कई निर्देश जारी किए हैं. दिल्ली में घने कोहरे के कारण दृश्यता की समस्या को संबोधित करते हुए, केंद्रीय अविएशन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “कल (14 जनवरी), दिल्ली में अभूतपूर्व कोहरा देखा गया, जिसमें दृश्यता में कई घंटों तक उतार-चढ़ाव आया, और कभी-कभी तो यह शून्य तक गिर गई.”इतना ही नही उन्होंने कहा कि अधिकारियों को CAT III रनवे पर भी कुछ समय के लिए परिचालन बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्यूंकि CAT III रनवे शून्य-दृश्यता संचालन को संभाल नहीं पा रहे हैं.
क्या है CAT III TECHNOLOGY?
दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास एक बेहद एडवांस एंटी-फॉग लैंडिंग सिस्टम है जिसे CAT IIIB इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) कहा जाता है. ILS की एक मार्गदर्शन प्रणाली है जो रेडियो सिग्नल और कभी-कभी उच्च तीव्रता वाले प्रकाश सरणी की मदद से विमानों को कम दृश्यता की स्थिति में उतरने में मदद करती है. CAT III एक नेविगेशन सिस्टम है जो घने कोहरे और खराब मौसम की स्थिति में दृश्यता कम होने पर विमानों को उतरने में मदद करती है.यह न्यूनतम 50 मीटर की दृश्यता के साथ लैंडिंग की अनुमति देता है. किसी भी एयरपोर्ट पर पूरा CAT IIIBसिस्टम इनस्टॉल करने की शुरुआती लागत 10 करोड़ रुपये तक जा सकती है और रखरखाव लागत मासिक आधार पर लगभग 50 लाख रुपये तक जा सकती है. आपको बता दें कलकत्ता एयरपोर्ट पर CAT IIIB सिस्टम 130 करोड़ रुपये की लागत से इनस्टॉल की गई थी.
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास दो CAT III- नेविगेशन ववाले रनवे हैं: मुख्य हवाई पट्टी 28/10 और 29L/11R, जो गुरुग्राम की ओर से सबसे करीब है. अन्य दो रनवे, 11एल/29आर और 09/27, CAT IIIB- नेविगेशन वाले रनवे नहीं हैं.
इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग क्षमताओं के आधार पर एयरपोर्ट के रनवे की तीन मुख्य श्रेणियां हैं. जिन्हें Cat I Operation,Cat II Operation और Cat III Operation के नाम से जाना जाता है. Cat III इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग, लैंडिंग क्षमता का सबसे उच्चतम स्तर प्रदान करता है.Cat III आगे तीन उपश्रेणियों में डिवाइड किया गया है जो हैं, CAT IIIA Operation,Cat IIIB Operation और Cat IIIC Operation.
Cat III कैसे काम करता है?
CAT II सिस्टम में, रनवे न दिखाई देने की स्थिति में नहीं एक पायलट को सिग्नलिंग सिस्टम द्वारा जमीन से 100 फीट ऊपर तक निर्देशित किया जाता है, CAT III-B में, एडवांस सिग्नलिंग सिस्टम के कारण एक विमान जमीन से 50 फीट ऊपर तक उतर सकता है, जिसके बाद फिर पायलट अप्रोच और टचडाउन जोन-लाइटिंग सिस्टम को देखेगा. CAT III-B में पूरी प्रक्रिया ऑटोमेटेड है और इसमे वॉयस प्रॉम्प्ट उलटी गिनती का उपयोग करके बताता है कि विमान रनवे से कितनी दूर है, फ्लैप को कब तैनात करना है और कब ब्रेक लगाने की आवश्यकता है. दिल्ली एयरपोर्ट को CAT IIIB सिस्टम से सुसज्जित किया गया है जो तीन रनवे पर संचालित होती है. हालांकि, वर्तमान के इस घने कोहरे के मौसम में, केवल एक Cat III रनवे ही चालू है क्योंकि दूसरे रनवे के पास निर्माण स्थल में उपयोग की जाने वाली क्रेन उड़ानों के लिए सिग्नल विकृत कर रही है.
मृतसर, जयपुर, लखनऊ और कोलकाता एयरपोर्ट देश के वे अन्य एयरपोर्ट में से हैं जिनके पास यह आधुनिक तकनीक हैं. CAT IIIC सिस्टम जो CAT IIIB तकनीक से भी बेहतर है, का उपयोग करके विमान शून्य दृश्यता में भी उतर सकते हैं. इस तकनीक का उपयोग करने वाले एयरपोर्ट में न्यूयॉर्क का जेएफके अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट और लंदन का हीथ्रो एयरपोर्ट शामिल हैं