क्या होता है हीट इंडेक्स, कम तापमान पर भी लोगों को क्यों लगती है ज्यादा गर्मी?
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क्या होता है हीट इंडेक्स, कम तापमान पर भी लोगों को क्यों लगती है ज्यादा गर्मी?

Weather Update: कई बार हमें महसूस होता है कि तापमान तो कम है लेकिन गर्मी बहुत ज्यादा हो गई है. दरअसल ऐसा हीट इंडेक्स की वजह से होता है. आइए इसे समझते हैं.

Weather Update

Weather Update: उत्तर भारत शदीद गर्मी की चपेट में है. उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और दिल्ली समेत कई इलाके गर्मी के लोग गर्मी से बेहाल हैं. राजधानी दिल्ली का तापमान पिछले कुछ दिनों से 43 डिग्री के आस-पास बना हुआ है. लेकिन लोगों को लग रहा है कि दिल्ली का तापमान हर दिन बढ़ता ही जा रहा है. एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर लोग ऐसा सोच रहे हैं तो वह कुछ हद तक सही सोच रहे हैं, क्योंकि इसके पीछे कई वजहें हैं. लोगों को लगता है कि तापमान बढ़ रहा है लेकिन इसके पीछे कई कारण काम करते हैं. इन दिनों तापमान के ताल्लुक से जो लोग महसूस कर रहे हैं उसकी बड़ी वजह हीट इंडेक्स है. 

क्या है हीट इंडेक्स?

यह मामला थोड़ा सा पेचीदा है. हीट इंडेक्स एक गणित के हिसाब से बनता है. यह नमी की हालत और ज्यादा से ज्यादा तापमान को मिलाकर बनता है. हीट इंडेक्स छांव बनाया जाता है. हीट इंडेक्स से पता चलता है कि हमें 45 डिग्री की बनिस्बत 37 या 38 डिग्री के तापमान पर क्यों ज्यादा गर्मी लगती है. इसको ऐसे समझ सकते हैं कि अगर किसी दिन तापमान 35 डिग्री है और नमी 70 फीसद तो हमें उस दिन 50 डिग्री तक की गर्मी लग सकती है. 

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ऐसे जारी होता है यैलो एलर्ट

लाइव वेदर की एक रिपोर्ट के मुताबिक मई के आखिरी हफ्ते से ही तापमान और हीट इंडेक्स में तकरीबन 7 डिग्री का अंतर है. मौसम विभाग हीट इंडेक्स पर काम कर रहा है. जल्द वह ऐसी योजना बनाएगा जिसमें तापमान के साथ हीट इंडेक्स की भी जानकारी देगा. हालांकि अभी भी नमी का पूर्वानुमान लगाया जाता है. अगर किसी दिन तापमान के साथ-साथ ज्यादा नमी का अंदाजा लगाया जाता है उस दिन येलो एलर्ट जारी किया जाता है. 

इसलिए शाम के वक्त नहीं सूखता पसीना

जानकार बताते हैं कि जब मौसम में नमी कम होती है तब शरीर अपने आप को ठंडा रखने के लिए खुद प्रक्रिया करता है. पसीना निकलता है और कम नमी की वजह से सूख जाता है. लेकिन जब वातावरण में नमी 50 फीसद से ज्यादा होती है तो पसीना तो निकलता है लेकिन वह सूख नहीं पाता. एक्सपर्ट मानते हैं कि लोगों को दोपहर के बजाए शाम के वक्त ज्यादा बेचैनी होती है क्योंकि शाम में नमी 35 से 55 फीसद तक होती है. 

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