Bihar: जब अपनों ने छोड़ा साथ, तब BDO ने दिया लाश को कंधा, किया अंतिम संस्कार
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Bihar: जब अपनों ने छोड़ा साथ, तब BDO ने दिया लाश को कंधा, किया अंतिम संस्कार

मुजफ्फरपुर पश्चिमी सब डिवीजन के बिरूआ पंचायत के पगहिया गांव निवासी और ऑटो चालक योगेन्द्र सिंह (50) की मौत तीन दिन पहले घर में हो गई. मरने वाले शख्स को पहले से दमा और खांसी का मर्ज़ था.

सांकेतिक फोटो  (साभार: PTI)

मुजफ्फरपुर: कोरोना काल में ऐसे तो आम तौर पर कई बार इंसानी रिश्तों को शर्मसार होने की खबरें आती हैं, लेकिन इस दौर में इंसानियत की मिसाल पेश करने वालों की भी कमी नहीं है. ऐसा ही एक मामला बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बिरूआ पंचायत में देखने को मिला जब दो दिनों से कोरोना मरीज़ की लाशअंतिम संस्कार के लिए पड़ा रहा. उनके अपनों ने ही उनका अंतिम संस्कार कराने से मना कर दिया था. तब सरैया ब्लॉक के ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर डॉ. बी एन सिंह ने मैय्यत की लाश को कंधा दिया और पूरी इज़्ज़त से साथ उसका अंतिम संस्कार कराया.

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मुजफ्फरपुर पश्चिमी सब डिवीजन के बिरूआ पंचायत के पगहिया गांव निवासी और ऑटो चालक योगेन्द्र सिंह (50) की मौत तीन दिन पहले घर में हो गई. मरने वाले शख्स को पहले से दमा और खांसी का मर्ज़ था.

योगेन्द्र सिंह की मौत के बाद उनके सभी परिजन और पट्टीदार (गोतिया) कोरोना से मौत के कारण कहीं और चले गए और घर में सिर्फ मरने वाले शख्स की पत्नी और दो बच्चे बच गए.

योगेन्द्र सिंह की मौत के बाद की मौत के बाद उनके परिजनों ने गांव वालों से अंतिम संस्कार की गुहार लगाई, लेकिन गांव का कोई भी आदमी इसके लिए तैयार नहीं हुआ. इसके सबब लाश दो दिनों तक घर में ही पड़ा रहा गया. इसके बाद किसी तरह इसकी सूचना सरैया ब्लॉक के ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर(बीडीओ) डॉ. बी एन सिंह को हुई.

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बीडीओ सिंह ने बुधवार को आईएएनएस को बताया कि इस सूचना के बाद उन्होंने नरगी जिवनाथ गांव के समाजसेवी कुणाल को इसकी सूचना दी. बाद में सेना की नौकरी से रिटायर्ड कुणाल और बीडीओ ने खुद लाश के अंतिम संस्कार करने का फैसला किया.

बीडीओ और साबिक सैनिक ने पीपीई किट मंगवाई और अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू हो गई. बीडीओ की पहल पर कई लोग भी सामने आए. बीडीओ बताते हैं कि गांव से ही एस जेसीबी मंगवाया गया और गड्ढा खोदकर लकडी मंगवाकर पूरे रीति-रिवाज के साथ शव का अंतिम संस्कार किया गया. इस मौके पर पारु के MLA अशोक सिंह भी वहां पहुंचे.

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बीडीओ सिंह कहते हैं कि मरने वाला शख्स कोरोना पॉजिटिव थे, जिसके सबब लोग उनकी मौत के बाद उनके घर में नहीं आना चाह रहे थे. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि कोरोना से लड़ाई सभी को मिलकर लड़नी होगी तभी इस लड़ाई को जीता जा सकता है।
(इनपुट- आईएएनएस)

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