Diwali Bhai Dooj: जानें क्यों मनाया जाता है भाई दूज और क्या है इसके पीछे का किस्सा
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Diwali Bhai Dooj: जानें क्यों मनाया जाता है भाई दूज और क्या है इसके पीछे का किस्सा

भाई दूज (Bhai Dooj) त्यौहार होली और दीवाली के तीसरे दिन मनाया जाता है, इस बार यह त्यौहार दीवाली के तीसरे दिन यानी 6 नवंबर को मनाया जा रहा है.

Diwali Bhai Dooj: जानें क्यों मनाया जाता है भाई दूज और क्या है इसके पीछे का किस्सा

नई दिल्ली: भाई-बहन का त्यौहार रक्षा बंधन पूरी दुनिया में बड़े ज़ोर शोर से मनाया जाता है, भाई दूज (Bhai Dooj) भी एक ऐसा त्यौहार है जो भाई बहन के रिश्ते को और ज्यादा मज़बूत करता है, भाई दूज (Bhai Dooj) दूज को दीवाली और होली के बाद मनाया जाता है. इस दिन बहने अपने भाई को तिलक लगाती हैं, और लंबी उम्र की कामना करती हैं.

ये त्यौहार होली और दीवाली के तीसरे दिन मनाया जाता है, इस बार यह त्यौहार दीवाली के तीसरे दिन यानी 6 नवंबर को मनाया जा रहा है. हिंदुस्तान में इस त्यौहार को सिर्फ़ हिंदू धर्म नहीं बल्कि दीगर धर्मों के लोग भी बड़े खुशी से मनाते हैं.

क्यों मनाया जाता है भैया दूज?
भैया दूज त्यौहार मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाए हैं, जिनमें से सबसे लोकप्रिय देवी यामी और उनके भाई यमराज की कथा काफ़ी लोकप्रिय है. यामी अपने भाई यमराज से काफ़ी मोहब्बत करती थीं. एक वक्त ऐसा आया कि यामी और भाई यमराज किसी कारण वश लंबे अरसे तक नहीं मिल पाए. जिसके यमराज अचानक उनसे मिलने पहुंच गए. उनके आने की खुशी में यामी ने पकवान बनाए और उन्हें तिलक किया.

जिसके बाद यमराज इतने खुश हो गए कि उन्होंने यामी से वरदान मांगने के लिए कहा. जिसके बाद उन्होंने यमराज से मांगा कि वह उन्हें हर साल मिलने आएं और आज के बाद जो भी बहन अपने भाई के माथे पर तिलक करे उसे यमराज का डर ना हो, क्योंकि उसकी बहन का प्यार और प्रार्थना उसके साथ रहे. जिसके बाद यमराज ने उन्हें वरदान दिया, इसी वजह से हर साल भैया दूज मनाया जाता है.

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