RBI Action Against Kotak: आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ क्यों लिया एक्शन? जानें पूरा मामला
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2220166

RBI Action Against Kotak: आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ क्यों लिया एक्शन? जानें पूरा मामला

RBI Action Against Kotak: आरबीआई ने कोटक महिंद्र बैंक के खिलाफ एक्शन लिया है. जिसके बाद बैंक अब नए यूजर्स को नहीं जोड़ पाएगा और अपनी सर्विस पूर्व यूजर्स को ही दे पाएगा. पूरी खबर पढ़ें.

RBI Action Against Kotak: आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ क्यों लिया एक्शन? जानें पूरा मामला

RBI Action Against Kotak: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कोटक महिंद्रा बैंक को निर्देश दिया है कि वह अपने ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग चैनलों के जरिए से नए ग्राहकों को जोड़ना तुरंत बंद कर दे और नए क्रेडिट कार्ड जारी करना बंद कर दे. यह कार्रवाई बैंक की रिस्क मैनेजमेंट प्रैक्टिसिस के तौर पर की गई है. हालांकि, RBI ने कोटक महिंद्रा बैंक को अपने पहले से जुड़े ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड समेत सभी सेवाएं देना का निर्देश दिया है.

आरबीआई ने क्या कहा?

आरबीआई ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा, "भारतीय रिजर्व बैंक ने आज, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड (इसके बाद 'बैंक' के रूप में संदर्भित) को तत्काल प्रभाव से अपने ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग चैनलों के माध्यम से नए ग्राहकों को शामिल करना और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने का काम बंद करने का निर्देश देता है., हालांकि, बैंक अपने क्रेडिट कार्ड ग्राहकों सहित अपने मौजूदा ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करना जारी रखेगा."

आरबीआई ने क्यों लिया कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ एक्शन?

- आरबीआई का फैसला लगातार दो सालों यानी 2022 और 2023 के लिए कोटक महिंद्रा बैंक की केंद्रीय बैंक की आईटी एग्जामिनेशन के दौरान देखी गई जरूरी कमियों और गैर-अनुपालनों के कारण आया है. बैंक इन चीजों को लगातार एड्रेस करने में नाकामयाब रहा है.

- आरबीआई ने आईटी इन्वेंट्री मैनेजमेंट, पैच और मैनेजमेंट में बदलाव, यूजर्स एक्सेस मैनेजमेंट, वेंडर रिस्क मैनेजमेंट, डेटा सिक्टोरिटी और डेटा लीक रोकथाम रणनीति, व्यापार निरंतरता और आपदा वसूली कठोरता और ड्रिल जैसे एरिया में गंभीर कमियों को नोट किया गया है.

- आरबीआई ने कहा," पिछले दो सालों में, रिज़र्व बैंक अपने आईटी लचीलेपन को मजबूत करने के मकसद से बैंक के साथ लगातार जुड़ा है, लेकिन नतीजे संतोषजनक नहीं रहे हैं. यह भी देखा गया है कि बैंक के डिजिटल लेनदेन की मात्रा में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसमें क्रेडिट कार्ड से संबंधित लेनदेन भी शामिल है, जो आईटी सिस्टम पर और अधिक भार बढ़ा रहा है."

Trending news