Azadi Ka Amrit Mahotsav: 11 मार्च की शाम साबरमती आश्रम के आसपास भारी भीड़ जमा हो गई. हर कोई ये देखने और जानने को उतावला था कि बिना किसी हिंसा के अंग्रजी कानून तोड़ा कैसे जाएगा. सुबह करीब 6:30 बजे 78 लोगों को साथ महात्मा गांधी ने यात्रा की शुरूआत की. धीरे-धीरे यात्रा के 25 दिन पूरे हुए और 78 लोगों के साथ शुरू हुई यात्रा हजारों की तादात में बदल गई. 6 अप्रैल साल 1930 को करीब 241 मील यानी लगभग 386 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद जब महात्मा गांधी कच्छ क्षेत्र में समुद्र किनारे पहुंचे तो लोगों का उतावला पन अपने चरम पर आ गया लोग सोच में पड़ गए की अब गांधी जी एसा क्या करेंगे की अंग्रेजी कानून टूट जाएगा. आजादी के 75 साल की 75 कहानियों के आज के इस अंक में इसी विषय पर चर्चा होगी. देखिए वीडियो