Azadi ka Amrit Mahotsav 2022: लंबे संघर्ष के बाद, आखिरकार 15 अगस्त 1947 को भारत देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो गया था. लेकिन भारत की आजादी में सबसे अहम योगदान देने वाले महात्मा गांधी आजादी के दिन दिल्ली में थे ही नहीं. महात्मा गांधी 15 अगस्त 1947 को बंगाल के नोआखली में थे. वहां पर वे हिंदू-मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन कर रहे थे. आजादी के जश्न के लिए पंडित नेहरू और सरदार पटेल ने गांधी को ख़त भेजकर बताया था कि 15 अगस्त को देश का पहला स्वाधीनता दिवस मनाया जाएगा. पर गांधी फिर भी नहीं आए. VIDEO