क़यामत के क़रीब इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम के ज़हूर के चंद बरस बाद हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम का नुज़ूल दमिशक़ जो सीरिया की राजधानी है, वहां सुबह की नमाज़ के वक़्त अक़ामत के बाद होगा. आप अपनी दोनो हथेलियां फ़रिशतों के परों पर रखे हुए होंगे. आपकी तशरीफ़ आवरी पर इमाम मेहदी पीछे हट जाएंगे और उनसे इमामत की दरख़्वास्त करेंगे. लेकिन आप इमाम मेहदी से ही नमाज की इमामत के लिए कहेंगे. हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम के नुज़ूल का बयान हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा स.अ. ने भी किया है. नाज़िल हो कर हज़रत ईसा सलीब को तोड़ेंगे. ख़िंजीर को ख़त्म कर देंगे और तमाम लोगों को दीने हक़ की दावत देंगे. हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम के ज़माने में अदलो इंसाफ़ का बोलबाला होगा. बकरी और शेर एक साथ ही चरते फिरते और पानी पीते नज़र आएंगे. इस तरह से हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम 40 बरस तक ज़िंदा रहेंगें. पूरी दुनिया में अम्नों अमां क़ायम करने के बाद आप की वफ़ात हो जाएगी. देखें हज़रत ईसा के वापस आने की पूरी कहानी