Tata Sons के साबिक़ चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की महाराष्ट्र के पालघर में हुई एक सड़क हादसे में मौत हो गई. यह दुर्घटना उस वक्त हुई जब मिस्त्री की कार मुंबई से सटे पालघर जिले में एक डिवाइडर से टकरा गई.उस समय मिस्त्री मर्सिडीज कार में अहमदाबाद से मुंबई लौट रहे थे. आपको बताते हैं कौन थे साइरस मिस्त्री और बिजनेस की दुनिया में उनका क्या मुकाम हासिल था. साइरस मिस्त्री मशहूर बिजनसमैन पलोनजी (Cyrus Mistry) के बेटे थे. पलोनजी की कंपनी शापूरजी पलोनजी ग्रुप टाटा समूह में सबसे बड़ी हिस्सेदार है. साइरस ने लंदन के प्रतिष्ठित इंपीरियल कॉलेज (Imperial College London) से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी. टाटा संस का चेयरमैन रहने के दौरान उन्होंने टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील, टाटा केमिकल्स और टाटा मोटर्स में बिजनस की बारिकियों को सीखा. उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई. बाद में वह फोर्ब्स गोकक, यूनाइटेड मोटर्स (इंडिया) और शापूरजी पल्लोनजी एंड कंपनी जैसी कई अन्य कंपनियों के निदेशक बन गए. शापूरजी ग्रुप के चेयरमैन साइरस मिस्त्री और टाटा ग्रुप के प्रमुख रतन टाटा के बीच पुराना संबंध था, फिर भी दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि यह मामला कोर्ट तक चला गया. फैसला टाटा के पक्ष में आया. साइरस 2006 में टाटा संस से जुड़े थे. 2012 में उन्हें रतन टाटा की जगह टाटा संस का चेयरमैन बना दिया गया था. हालांकि, चार साल बाद यानी 2016 में उन्हें अचानक ही पद से हटा दिया गया. इसके बाद रतन टाटा और साइरस मिस्त्री के बीच कानूनी लड़ाई शुरू गई. साइरस को टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटा देने की कोई पुख्ता वजह कभी सामने नहीं आयी, ऐसा कहा जाता है कि वह बिना बोर्ड मेंबर्स से बात किए फैसले ले लेते थे. और निर्धारित लक्ष्य को समय के अनुसार नहीं पूरा कर पाए थे. पद से हटाए जाने के बाद साइरस कोर्ट भी गए थे. बाद में टाटा समूह ने उन्हें वापस पद में आने का ऑफर दिया था मगर साइरस दोबारा टाटा समूह में शामिल नहीं हुए थे.