पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर जारी संघ की कथित चिट्ठी में दावा किया गया है कि मुस्लिम लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर शादी करने के लिए संघ ट्रेनिंग और पांच लाख का इनाम देता है... अब संघ ने इस चिट्ठी पर अपनी सफाई पेश की है.
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नई दिल्लीः पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर दो पन्नों का एक दस्तावेज वायरल हो रहा है, जिसमें मुस्लिम लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर उनसे जिस्मानी रिश्ता बनाने और फिर उसे शादी के लिए मजबूर करने, और शादी करने पर पांच लाख रुपये तक का इनाम का दावा किया गया है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि ये दस्तावेज आरएसएस ने तैयार किया है. यह संघ के लेटर पैड पर लिखा गया है और इसमें संघ के दिल्ली स्थित मुख्यालय का पता दिया गया है, और साथ में कई मोबाइल नंबर और इमेल एड्रेस भी दिए गए हैं.
“ यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम पर सोशल मीडिया में चल रहा पत्रक पूर्णतः झूठा है। “ pic.twitter.com/njcZxm7YOH
— Sunil Ambekar (@SunilAmbekarM) April 11, 2023
इसमें दावा किया गया है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हर साल दस लाख मुस्लिम लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर हिंदू बनाने का टारगेट रखा है. ये चिट्ठी तमाम हिंदू समाज को संबोधित कर लिखी गई है और इसकी कॉपी बजरंग दल, हिंदू सेना, हिंदू युवा वाहिनी और अखिल भारतीय हिंदू समाज को भेजी गई है.
दस्तावेज में दावा किया गया है कि मुस्लिम लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर उसे गर्भवती करने और शादी करने पर हिंदू लड़कों को घर बसाने के लिए पांच लाख का इनाम दिया जाएगा. इस काम के लिए उन्हें 15 दिनों की ट्रेंनिंग देने की भी बात कही गई है. साथ ही पूरा प्रोसेस बताया गया है कि मुस्लिम लड़की के नजदीक कैसे आना है, कैसे उसे प्रोपोज करना है, कब उससे चैटिंग करनी है और कब उसे प्रिगनेंट करना है.
लगभग 12 प्वाइंट में उसे इस पूरे प्रोसेस को समझाया गया है कि मुस्लिम लड़कियों को कैसे स्कूल, कॉलेज और ऑफिस में अपना निशाना बनाना है. कैसे उनकी तारीफ करनी है, उनके मजहब की तारीफ करनी है और इस्लाम धर्म स्वीकार करने का झांसा देकर उसका भरोस जीतना है.
पिछले दो तीन दिनों से वायरल इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर लोग काफी शेयर कर रहे हैं और इसे संघ की खतरनाक साजिश बताकर दोनों धर्मों के बीच की खाई को चौड़ी करने और मुल्क में सांप्रदायिक सदभाव बिगाड़ने की बात कह रहे हैं. वहीं, मुस्लिम इसे यह कहकर प्रचारित कर रहे हैं कि संघ के इस खतरनाक मंसूबों को कुचलने के लिए मुस्लिम लड़कियों तक इस साजिश को पहुंचाया जाना चाहिए.
चिट्ठी को लेकर क्या कहता है संघ ?
इस चिट्ठी के वायरल होने के बाद एक बार फिर संघ अपने विरोधी लोगों के निशाने पर आ गया है. लोग आरोप लगा रहे हैं कि संघ अब वह इस तरह की हरकत पर उतर आया है. वहीं, संघ ने इन सभी आरोपों से पल्ला झाड़ लिया लिया. संघ ने कहा है कि यह चिट्टी उसके दफ्तर से जारी नहीं की गई है. यह एक फर्जी चिट्ठी है और कुछ लोग संघ को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं. संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेडकर ने अपने ट्वीटर हैंडल पर भी इस चिट्ठी को शेयर कर इसे फेक यानी नकली बताया है.
इस चिट्ठी पर दो धड़ों में बंट गया है मुसलमान
इस वायरल चिट्टी को लेकर मुस्लिम समाज दो धड़ों में बंटता दिखाई दे रहा है. एक वर्ग जहां इसे संघ और हिंदूवादी संगठनों की चाल बताकर मुस्लिम लड़कियों को को-एड स्कूल, कॉलजों में पढ़ने और उन्हें नौकरी करने से रोकने की बात कर रहा है. अपना इदारा खोलने और लड़कियों को इस साजिश से बचने की ट्रेनिंग देने की बात कर रहा है. वहीं, दूसरा वर्ग इस दस्तावेज को एक वायरल कागज से ज्यादा कुछ नहीं मान रहा है. उनका मानना है कि कोई भी संगठन इस तरह के खतरनाक मंसूबों को इस तरह सार्वजनिक तौर पर चिट्ठी जारी कर लोगों से अपील नहीं करता है. इसकी आड़ में कुछ लोग लड़कियों को पढ़ने-लिखने से रोकने और पीछे करने की साजिश रर रहे हैं. हाल के दिनों में कुछ मुस्लिम लड़कियों के हिंदू लड़कों से शादी की खबरों के बाद लोग डरे हुए हैं, इसलिए वह इस तरह का और डर फैलाकर लोगों को खबरदार कर रहे हैं.
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