प्रधानमंत्री मोदी की बाइडन के साथ पहली द्विपक्षीय बैठक में इन मुद्दों पर हुई चर्चा, बाइडन ने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और अमेरिका के बीच संबंधों की नियति ही ‘‘शक्तिशाली, मजबूत (बनना) और नजदीक आना’’ है.
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वाशिंगटनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक के तहत शुक्रवार को व्हाइट हाउस में जो बाइडन से मुलाकात की और इस दौरान दोनों नेताओं ने कोविड-19 एवं जलवायु परिवर्तन और हिंद-प्रशांत सहित प्राथमिकता वाले कई मुद्दों पर चर्चा की. बाइडन ने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और अमेरिका के बीच संबंधों की नियति ही ‘‘शक्तिशाली, मजबूत (बनना) और नजदीक आना’’ है. मोदी, 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से सातवीं बार अमेरिका की यात्रा कर रहे हैं.
बाइडन के साथ शुक्रवार को हुई बैठक को ‘‘महत्वपूर्ण’’ करार देते हुए मोदी ने कहा कि वे इस शताब्दी के तीसरे दशक में मिल रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडन से कहा कि यह दशक कैसा स्वरूप लेता है, इसमें निश्चित तौर पर आपका नेतृत्व महत्पूर्ण भूमिका निभाएगा. भारत और अमेरिका के बीच और मजबूत मित्रता के लिए बीज बो दिए गए हैं.
Biden's leadership on global issues is commendable and India, US would work together to overcome key challenges: PM Modi
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— ANI Digital (@ani_digital) September 24, 2021
बाइडन के मजाक से ठहाकों से गूंज उठी बैठक !
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी पहली बैठक के दौरान मजेदार तरीके से अपने ‘इंडिया कनेक्शन’ के बारे में एक घटना का जिक्र किया. बाइडन ने 2013 में अमेरिकी उपराष्ट्रपति रहने के दौरान खुद के मुंबई में होने को याद करते हुए कहा कि उनसे पूछा गया था कि क्या भारत में उनका कोई रिश्तेदार है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया, ‘‘मैंने कहा था कि मैं इस बारे में निश्चित नहीं हूं, लेकिन जब मैं 1972 में 29 साल की उम्र में पहली बार निर्वाचित हुआ था, तब मुझे मुंबई से बाइडन ‘सरनेम’ वाले एक व्यक्ति का पत्र मिला था.’’उन्होंने बताया कि अगली सुबह प्रेस ने उन्हें बताया कि भारत में पांच बाइडन रहते थे.
इस बारे में और विस्तार से बताते हुए बाइडन ने मजाकिया लहजे में कहा, ‘‘ईस्ट इंडिया टी (चाय) कंपनी में एक कैप्टन जॉर्ज बाइडन थे. वह संभवतः वहीं रहे और एक भारतीय महिला से शादी कर ली.’’बाइडन ने कहा, ‘‘मैं कभी उसका पता नहीं लगा सका, इसलिए इस बैठक का पूरा मकसद इसका हल करने में मेरी मदद करना है. बाइडन के इस बात पर प्रधानमंत्री मोदी सहित बैठक कक्ष में मौजूद सभी लोगों के ठहाकों से हॉल गूंज उठा.
हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त रखने पर हुई बात
बाइडन ने कहा कि वह और प्रधानमंत्री मोदी विश्व के समक्ष कोविड-19 महामारी एवं जलवायु परिर्वतन की समस्याओं से निबटने की दिशा में क्या प्रयास कर सकते हैं, इस पर चर्चा करेंगे. साथ ही वे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चत करने के लिए अपने शांत भागीदारों के साथ विचार मंथन करेंगे. भारत, अमेरिका एवं विश्व की कई अन्य शक्तियां हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, खुला रखना सुनिश्चित करने के लिए बातचीत कर रही हैं. यह चर्चा चीन द्वारा इस क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ाये जाने की पृष्ठभुमि में हो रही है.
पहले भी मिल चुके हैं मोदी और बाइडन
इससे पहले, दोनों नेताओं की मुलाकात उस वक्त हुई थी, जब बाइडन अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे. लेकिन, यह पहला मौका है जब बाइडन जनवरी में अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति बनने के बाद मोदी से मिल रहे हैं. दोनों नेताओं, बाइडन और मोदी ने कई बार फोन पर बातचीत की है और कुछ ऑनलाइन बैठकों में भी शरीक हुए हैं. इनमें मार्च में अमेरिकी राष्ट्रपति की मेजबानी में आयोजित ‘क्वाड’ की बैठक भी शामिल है. उनके बीच 26 अप्रैल को अंतिम बार टेलीफोन पर बातचीत हुई थी.
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