Chinese society has taboos about menstruation: चीन में एक हाईस्पीड ट्रेन में सफ़र करते वक़्त एक ख़ातून को अचानक सैनिटरी पैड की ज़रूरत पड़ी, लेकिन ट्रेन में इसका कोई इंतेज़ाम नहीं होने पर ख़ातून को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जिसके बाद उसने ट्रेनों में सैनिटरी पैड बेचे जाने की मांग कर मुहिम छेड़ दी है.
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बीजिंगः ख़्वातीन के ख़िलाफ़ इम्तियाज़ी सुलूक (भेदभाव) और उनको दबाना एक आलमी मसला है. मौजूदा वक़्त में ईरान में हिजाब पर सख़्त क़ानून के ख़िलाफ़ ख़्वातीन एहतेजाज कर रही हैं, और देश में हुकूमत करने वाली ताक़तों को चुनौती दे रही हैं. अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देशों की ख़्वातीन अपनी आज़ादी और पहले से चले आ रहे समाजी ढांचे के ख़िलाफ लड़ रही हैं. वहीं, इस वक़्त चीन में एक अलग तरह की बहस छिड़ गई है. यह बहस हाई-स्पीड ट्रेनों में सैनिटरी पैड बेचे जाने या न बेचे जाने को लेकर छिड़ी है, जिसकी हिमायत और मुख़ालेफ़त में चीनी समाज आ गया है. सोशल मीडिया पर लोग इस मुद्दे पर अपनी राय ज़ाहिर कर रहे हैं.
पीरियड्स को लेकर भारतीय समाज जैसा है चीनी समाज
ख़्वातीन के पीरियड्स को लेकर बात करें तो भारत और चीन में कोई बहुत ज़्यादा फ़र्क़ नहीं है. भारत की तरह ही चीन की सक़ाफती रिवायत (पारंपरिक संस्कृति) में भी पीरियड्स को लेकर कई तरह की बातें कही गई हैं. चीन में भी पीरियड्स के दौरान ख़्वातीन का मंदिरों और फंक्शन्स में जाना मना है. यहां तक कि आज भी कुछ देही इलाक़ों में पीरियड्स के दौरान ख़्वातीन को मरने वाले लोगों को ख़िराजे अक़ीदत देने की इजाज़त नहीं है. हमेशा इसके ख़िलाफ़ उठती आवाज़ों को दबा दिया जाता है. हालात ये हैं कि इस मुद्दे पर आम तौर पर न तो चर्चा होती है और न ही इसकी इजाज़त दी जाती है.
चीन की ख़ातून ने मांगा है मसले का हल
चीन में पीरियड्स और सैनिटरी पैड को लेकर जारी बहस की शुरुआत पिछले 16 सितंबर से हुई थी. सबसे पहले चीनी सोशल मीडिया साइट वीबो पर यह बहस छिड़ी थी. यहां एक ख़ातून ने देश की हाई-स्पीड रेल नेटवर्क में सफ़र के दौरान पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल होने वाला सामान नहीं ख़रीद पाने की वजह से अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा था, ‘‘मैं नहीं चाहती कि दूसरी ख़्वातीन भी मेरी तरह शर्मिंदगी महसूस करें. इसलिए मैं इस उम्मीद में यह मुद्दा उठा रही हूं कि इसका हल किया जाएगा.’’
ज़्यादातर लोगों ने ख़ातून की मांग की मुख़ालेफ़त की
चाइना रेलवे ने ख़ातून के सवालों के जवाब में कहा है कि ख़्वातीन का पैड एक प्राइवेट सामान है जिसके लिए ख़्वातीन को पहले से तैयारी करनी चाहिए. सोशल मीडिया पर जारी बहस में शामिल कुछ लोगों ने इस बात पर रज़ामंदी जताई है कि ट्रेनों में सैनिटरी पैड बेचना ‘ग़लत और गंदा’ काम होगा. एक शख़्स ने लिखा, ‘ट्रेनों में सिर्फ खाना बेचा जा सकता है. क्या आप चाहेंगे कि खाने के साथ सैनिटरी पैड भी बेचा जाए?’’ एक शख़्स ने पूछा है कि ख़्वातीन इसे अपने साथ क्यों नहीं रख सकती? वहीं चीन की और ख़्वातीन का मानना है कि यक़ीनी तौर पर यह सवाल जेंट्स के बीच पीरियड्स को लेकर लाइल्मी (अनभिज्ञता) को दिखाता है.
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