इमरान खान ने जमकर की भारत की तारीफ; लेकिन मोदी का नाम आते ही बदला अपना सुर
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इमरान खान ने जमकर की भारत की तारीफ; लेकिन मोदी का नाम आते ही बदला अपना सुर

Ex PM of Pakistan Imran Khan Praises India: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने विदेशी पत्रकारों से कहा है कि वह भारत की तरह पाकिस्तान में कानून का शासन लागू करना चाहते हैं, लेकिन भारत से संबंध बहाली के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये तबतक संभव नहीं है जबतक मोदी सरकार कश्मीर का विशेष दर्जा फिर से बहाल न कर दे.

इमरान खान

लाहौरः पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के सद्र इमरान खान ने कश्मीर में का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि भारत के साथ संबंध तभी आगे बढ़ाए जा सकते हैं, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कश्मीर के विशेष दर्जे को फिर से बहाल करेंंगे. इससे पहले पाकिस्तान पिछले 70 सालों से कश्मीरी अवाम के अंतरआत्मा की आवाज और उनकी आजादी के सवाल पर भारत से झगड़ता आ रहा है. 
भारतीय संसद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को 2019 में रद्द करते हुए इस राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख- में बांट कर दिया था. खान ने लाहौर स्थित अपने जमान पार्क निवास में विदेशी मीडिया से बातचीत के दौरान मंगलवार की शाम को कहा, ‘‘भारत ने कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया है. अब इसके आगे भारत के साथ वार्ता तभी हो सकती है, जब मोदी प्रशासन इस विशेष दर्जे को दोबारा बहाल करेंगे.’’

भारत की तरह कानून का शासन लागू करने की बात 
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता ने कानून के शासन संबंधी एक और सवाल के जवाब में कहा, "अगर कानून का शासन नहीं हो, तो पाकिस्तान का कोई मुस्तकबिल नहीं होगा.’’ खान ने कहा, ’’आप भारत की ही मिसाल ले लीजिए, उसने कानून के शासन के वजह से ही तरक्की की है.’’ खान पाकिस्तान के पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में चुनावों में देरी की पीएमएल (एन) नीत सत्तारूढ़ गठबंधन की साजिश को नाकाम करने और देश के संविधान की हिफाजत के लिए न्यायपालिका से उम्मीद लगाए हुए हैं.

इमरान खान ने दो विधानसभाएं कर दी थी भंग 
गौरतलब है कि इन दोनों प्रांतों में पिछले महीने विधानसभाएं भंग होने के बाद 90 दिन में चुनाव कराने की बाध्यता हैं. इससे पहले नेशनल असेम्बली में खान को पीएमएलएन ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटकर सत्ता से बेदखल कर दिया था. खान ने इल्जाम लगाया है कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने सैन्य प्रतिष्ठान में अपने आकाओं के समर्थन से उन्हें देश की सियासत से बाहर निकालने के लिए साजिश रच रही है. यह पूछे जाने पर कि क्या सेना प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर भी इस तरह की किसी कोशिशों में शामिल थे, उन्होंने कहा, ‘‘वह दो महीने से कार्यालय में नहीं हैं, और मैं उन्हें संदेह का लाभ देता हूं.’’ 

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