Marion Cotillard Isabelle chop hair in solidarity with Iranian women: हिजाब के खिलाफ ईरान में जारी वहां की महिलाओं के विरोध-प्रदर्शन का समर्थन करते हुए बुधवार को फ्रांस की ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित अभिनेत्रियां मेरियन कोटीलार्ड और जूलिएट बिनोच समेत विभिन्न हस्तियों ने अपने बाल काट लिए.
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पेरिसः पिछले कई दिनों से ईरान में हिजाब के खिलाफ जारी महिलाओं के विरोध-प्रदर्शन का समर्थन करते हुए बुधवार को फ्रांस की ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित अभिनेत्रियों मेरियन कोटीलार्ड और जूलिएट बिनोच समेत विभिन्न हस्तियों ने अपने बाल काट लिए. बाल काटने के बाद उन सभी ने सोशल मीडिया पर इसके वीडियो भी शेयर किए. बिनोच ने अपने बाल काटते हुए कहा, “आजादी के लिए.” इसके बाद उन्होंने अपने कटे हुए बाल हवा में लहरा दिए. कोटीलार्ड, बिनोच और दर्जनों अन्य महिलाओं ने अपने बाल काटने का एक वीडियो इंस्टाग्राम अकाउंट पर जारी किया है. ‘हेयर फॉर फ्रीडम’ हैशटैग के साथ साझा की गई यह वीडियो ऐसे वक्त में आई है, जब ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन चल रहे हैं.
महसा अमीनी की मौत के बाद तूल पकड़ रहा विरोध-प्रदर्शन
दरअसल, ईरान में हाल में हिजाब सही तरीके से नहीं पहनने के इल्जाम में 22 वर्षीय एक ईरानी युवती महसा अमीनी को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसके बाद पुलिस हिरासत में उनकी मौत हो गई थी. इस घटना के बाद ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. कुछ प्रदर्शनकारियों ने विरोधस्वरूप अपने बाल काटकर हवा में लहराए, जिसके बाद यह सिलसिला बन गया है, और देश दुनिया की महिलाए ईरानी महिलाओं के समर्थन में खड़ी हो रही हैं. सरकारी विरोधी इस प्रदर्शन में अब तक 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारी महिलाओं की मौत हो चुकी है.
हिजाब के ख्रिलाफ प्रदर्शन ने दशकों पुराना डर का बंधन तोड़ा
उधर, ईरान के प्रदर्शनकारी और उनके समर्थक दोनों उग्र होते जा रहे है. मीडिया रिपोटरें में कहा गया है कि हफ्तों से, एक राष्ट्रव्यापी विरोध आंदोलन ने गति पकड़ी है और ऐसा लगता है कि सरकार की दशकों पुरानी डराने और धमकी देने की रणनीति अब खत्म हो रही है. सीएनएन ने बताया कि पूरे तेहरान में रईसी सरकार के खिलाफ नारे गूंज रहे हैं. विरोध गीत गाते हुए स्कूली छात्राओं के हवा में स्कार्फ लहराते हुए वीडियो वायरल हो रहे हैं. पूरे ईरान में प्रदर्शनकारी सत्ता प्रतिष्ठान की कमजोरियों को उजागर करने पर आमादा हैं और लोग सड़कों पर उतर आए हैं. वहीं, इस पूरे मामले में ईरान की सरकार ने मंगलवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि इन सबके पीछे अमेरिका और यूरोपीय देशों की साजिश है, जो ईरान सरकार को कमजोर करना चाहती है.
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