500 लोगों की जान लेने वाले ईरान ने रमजान के पहले 22 हजार लोगों को दी माफी
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500 लोगों की जान लेने वाले ईरान ने रमजान के पहले 22 हजार लोगों को दी माफी

22,000 arrested in protests pardoned by top leader of Iran:  ईरान में पिछले 6 माह से ज्यादा वक्त से जारी हिजाब के विरोध-पद्रर्शनों के दौरान हिरासत में लिए गए 22 हजार लोगों को सरकार ने माफी देते हुए उन्हें कैद से रिहा करने का ऐलान किया है. 

 

अलामती तस्वीर

दुबईः ईरान ने सोमवार को ऐलान किया है की कि देश के सर्वोच्च नेता ने हालिया सरकार विरोधी-प्रदर्शनों में गिरफ्तार लगभग 22,000 लोगों को माफ कर दिया है. हालांकि, इस सामूहिक रिहाई की तत्काल ईरान के किसी स्वतंत्र निकाय ने पुष्टि नहीं की है. 
ईरान के न्यायपालिका प्रमुख गुलाम हुसैन मोहसेनी एजेही के ने पहली बार सरकार की तरफ से की गई किसी कार्रवाई की आधाकारिक घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि माफ किए गए लोग किसी चोरी या हिंसक अपराध में शामिल नहीं थे. इसलिए उन्हें माफी दी गई है. 
ईरानी राज्य मीडिया ने पहले इस बात की तरफ संकेत दिया था कि रमजान के पहले ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई कैदियों को क्षमा कर सकते हैं. रमजान अगले हफ्ते से शुरू होने वाला है. 
महसा अमिनी की मौत के बाद हिंसा की आग में सुलग रहा है ईरान 
गौरतलब है कि इससे पहले ईरान में पिछले 6 माह से यानी सितंबर में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे और ईरान में पर्दा प्रथा का विरोध कर रहे थे. अमिनी की मौत पुलिस हिरासत में हो गई थी जब पुलिस ने उसे सार्वजनिक स्थल पर बिना हिजाब के घूमने के इल्जाम में गिरफ्तार किया था. पिछले छह माह से ईरानी में जारी इस विरोध -प्रदर्शन में अबतक 600 से ज्यादा लोग पुलिस की गोली का निशाना बनकर मारे जा चुके हैं. वहीं, एजेही ने खुद स्वीकार किया है कि इसमें कुल 82,656 लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का आरोपों का सामना कर रहे हैं. इनमें से करीब 22,000 को प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार किया गया था.

इससे पहले ईरान में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक, विरोध प्रदर्शनों के दौरान 19,700 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था. एक समूह ने दावा किया था कि विरोध-प्रदर्शन में कम से कम 530 लोग मारे गए हैं, क्योंकि अधिकारियों ने प्रदर्शनों को हिंसक रूप से दबा दिया था. हालांकि, ईरान ने मरने वालों की संख्या कभी नहीं बताई है. मगर विदेशी एजेंसियों ने दावा किया है कि 600 से ज्यादा लोग इस हिंसा में मारे गए हैं. 

आर्थिक संकट से जूझ रहा है ईरान 
ईरान इस वक्त भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहा है. विश्व शक्तियों के साथ तेहरान के 2015 के परमाणु समझौते के तोड़ने के बाद देश भयंकर मुद्रा संकट से जूझ रहा है. ईरानी रियाल का भाव डॉलर के मुकाबले लाखों रुपये नीचे तक गिर गया है. गिरती अर्थव्यवस्था को सुधारने और पड़ोंसी मुल्कों से कारोबारी रिश्तों को ठीक करने की दिशा में कदम उठाते हुए ईरान ने पिछले हफ्ते अपने कट्टर दुश्मन देश सउदी अरब के साथ भी दोस्ती का हाथ बढ़ा चुका है. दोनों देश फिर से राजनयिक संबंधों को बहाल करने पर राजी हुए हैं. 

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