टोक्यो: जापान में मुसलमानों की बढ़ती आबादी लगातार बढ़ रही है. मुसलमानों की बढ़ती आबादी से अब जापान के समाज में एक अजीब तरह की कसमसाहट देखी जा रही है. इकनॉमिस्ट डॉट कॉम की खबर के मुताबिक जापाल की वसेडा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर तनाडा हिरोफुमी ने रिसर्च करके रिपोर्ट तैयार की है. 


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इस रिपोर्ट के मुताबिक 2010 में जापान में मुसलमानों की आबादी करीब 1 लाख 10 हजडार थी लेकिन 2019 में बढ़कर 2 लाख 30 हजार हो गई है. इनमें 50 हज़ार जापानी लोग भी शामिल हैं जिन्होंने अपना मज़हब बदलकर इस्लाम कुबूल किया है. 


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देश में मुसलमानों की बढ़ती तादाद से जापानी लोग काफी परेशान हैं. वे उनकी मस्जिदों और देश में हिजाब-बुर्का कल्चर बढ़ने की मुखालिफत कर रहे हैं और वे मुस्लिमों को मदरसे और कब्रिस्तानों के लिए जमीन की मंजूरी दिए जाने का भी लगातार विरोध कर रहे हैं.  


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मुसलमानों की बढ़ती आबादी अब उनके लिए मुसीबत बन रही है. दरअसल कन्वर्ट हुए मुसलमान अपने लिए ज्यादा कब्रिस्तानों की मांग कर रहे हैं. जबकि जापान की 99 फीसदी बौद्ध आबादी दाह संस्कार करती है. उनका मानना है कि मुर्दों को जमीन में दफनाने से जमीन अशुद्ध हो जाएगी और वहां के लोग सहूलियत के साथ पानी नहीं पी सकेंगे. 


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वहीं अगर जापान में मस्जिदों की बात करें तो यहां साल 2001 में सिर्फ 24 मस्जिदें थीं जोकि अब बढ़कर 110 से ज्यादा हो गई है. बीप्पू मुस्लिम एसोसिएशन के चीफ अब्बास खान जापान में मस्जिदों की बढ़ती तादाद का स्वागत करते हैं. साथ ही उनका कहना है कि मस्जिदों की तादाद तो बढ़ रही है लेकिन अभी भी मुस्लिमों को कई तरह के मसायल का सामना करना पड़ रहा है. 


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