अमेरिका में करीब 67 साल में पहली बार किसी महिला कैदी को सज़ा-ए-मौत दी गई है. यह सज़ा 52 वर्षीय लीसा मॉन्टगोमरी (Lisa Montgomery) को एक बेहद जघन्य अपराध में सुनाई गई है. इससे पहले अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने महिला की सज़ा पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया था.
अदालत में सुनवाई के दौरान लीसा की वकील ने दलील थी कि उनकी मोवक्किल की दिमागी हालत ठीक नहीं है. इसलिए उनकी सज़ा पर रोक लगाई जानी चाहिए.
दरअसल लिसा ने एक प्रेग्नेंट महिला का गला दबाकर कत्ल कर दिया था और कत्ल के बाद उस महिला के गर्भ में मौजूद बच्चे को पेट काटकर बाहर निकाल लिया और लेकर भाग गई थी. यह वारदात 4 दिसंबर 2004 की है.
लिसा ने कंसास में मौजूद अपने फार्महाउस से 270 किलोमीटर दूर मिसौरी के स्किडमोर टाउन पहुंची जहां उसने एक कुत्ता पालने वाली 23 साल की महिला बॉबी जो स्टिनेट से मुलाकात और कहा कि वो पिल्ली खरीदना चाहती है.
जिसके अगले दिन ही पुलिस ने लिसा को गिरफ्तार कर लिया और गर्भ से निकाली गई बच्ची को छुड़ा लिया. जिसके बाद साल 2007 में अदालत ने महिला के जुर्म को जघन्य बताते हुए मौत की सज़ा सुनाई थी.
लिसा ने जिस बच्ची को चुराया था वह पूरी तरह सुरक्षित है, अब उसकी उम्र अब 16 साल हो चुकी है और उसका नाम विक्टोरिया है.
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