Advertisement
trendingPhotos,recommendedPhotos/zeesalaam/zeesalaam813137
photoDetails0hindi

इस देश में नहीं मिल पाएगा मुसलमानों को हलाल मीट, अदालत ने लगाई मुहर, जानिए वजह

बताया जा रहा है कि वे इस कानून को अब विश्व मानवाधिकार आयोग में चैलेंज करने की योजना बना रहे हैं.

1/5

इस कानून के खिलाफ मुस्लिम और यहूदी संगठनों ने यूरोपीय यूनियन की अदालत में चुनौती दी थी. जिसे अब अदालत ने खारिज कर दिया है. यूरोपीय यूनियन की अदालत की इस मुहर के बाद यूरोप के दूसरे मुल्कों में भी इस तरह के कानून बनना का रास्ता लगभग साफ हो गया है.

2/5

कानून में कहा गया है कि अगर किसी जानवर को काटा जा रहा है तो मारने से पहले उसे बेहोश कर लेना चाहिए. जिससे उसे दर्द का अहसास न हो. 

3/5

बेल्जियम के इस कानून का मुसलमानों और यहूदियों ने सख्त विरोध किया है. क्योंकि दोनों मज़हब के मुताबिक जानवर को काटते वक्त होश में रखना जरूरी है. ऐसा न करने पर इनके लिए वो मीट खाना हराम होता है. 

4/5

मुस्लिम संगठनों की दलील है कि यह कानून उनकी मज़हबी अज़ादी के हक पर हमला है. साथ ही उन्होंने इल्ज़ाम लगाया है कि यह कानून इलाके में बढ़ रहे अप्रवासी विरोधी जज्बात की वजह से भी लाया गया है. 

5/5

यूरोपीय यूनियन की अदालत की इस मुहर के बाद यूरोप के दूसरे मुल्क के मुसलमानों को भी डर है कि बेल्जियम की देखादेखी बाकी मुल्क भी उनके हलाल मीट (Halal) पर रोक लगाने के लिए ऐसा ही कानून बना सकते हैं. बताया जा रहा है कि वे इस कानून को अब विश्व मानवाधिकार आयोग में चैलेंज करने की योजना बना रहे हैं.