अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) 20 जनवरी को राष्ट्रपति के पद से हटने वाले हैं. ट्रम्प व्हाइट हाउस छोड़कर फ्लोरिडा के रिजॉर्ट मार-ए-लेगो में शिफ्ट होंगे. भले ही ट्रम्प व्हाइट हाउस से रुख़सत हो रहे हों लेकिन ट्रम्प के राष्ट्रपति रहने के दरमियान उनके द्वारा लिए गए कई ऐसे विवादित फ़ैसले हैं जिन्हें अमेरिका की जनता पसंद नहीं करती, जो एक अमेरिका की तारीख़ बनकर रह जायेगी. शायद यही वजह है कि ट्रम्प अमेरिकी तारीख़ के इकलौते ऐसे राष्ट्रपति रहे जिनके खिलाफ अमेरिका में दो बार महाभियोग लाया गया.
ट्रम्प ने सीरिया, सूडान, सोमालिया, ईरान, इराक, लीबिया और यमन के लोगों की अमेरिका में एंट्री पर बैन लगा दिया. ट्रम्प के इस फ़ैसले से कई मुस्लिम देश नाराज हुए. ह्यूमन राइट्स संस्थाओं ने भी इसे ग़लत फैसला बताया था.
बराक ओबामा के दौर में अमेरिका और ईरान के बीच एटमी प्रोग्राम को लेकर समझौता हुआ था. ट्रम्प ने बातचीत करने और इस समझौते को लागू करने की बजाये ईरान से रिश्तों में तल्ख़ी बढ़ाई. ट्रम्प ने इजराइल के साथ मिलकर ईरान के ख़िलाफ़ साज़िश की और मुल्क की नामी हस्तियों को निशाना बनाया.
WHO की कुल फंडिंग में अमेरिका का हिस्सा करीब 40% था. कोरोना महामारी के दौरान ट्रम्प ने WHO को चीन की कठपुतली बताते हुए फंडिंग पर रोक लगा दी. कोरोना महामारी के दौर में ट्रम्प के इस फ़ैसले का दुनियाभर में विरोध हुआ था.
ट्रम्प ने अपने दौर के शुरुआती हफ्ते में ही यरुशलम को इजराइल की राजधानी के तौर पर पहचान दे दी. इसके साथ ट्रम्प ने ये भी कहा के अब तेल अवीव नहीं, बल्कि येरुशलम में अमेरिकी एम्बेसी होगी.
ट्रम्प ने 70 साल की अमेरिकी पॉलिसी को एक हस्ताक्षर से बदल दिया. जिसका सबसे ज़्यादा विरोध अरब और यूरोप में हुआ.
सीरिया और अफगानिस्तान में हालात बदले नहीं थे कि ट्रम्प वहां से फ़ौजियों को वापस बुलाने पर अड़ गए. इसका खामियाजा ये हुआ के इन दोनों देशों में अमेरिकी साख को झटका लगा. सीरिया में रूस और अफगानिस्तान में चीन के द्वार पाकिस्तान फिर पैर पसारने लगा.
अमेरिका की तारीख़ में ये भी पहली बार हुआ, जब ट्रम्प ने एक साथ करीब 50 मुल्कों से अमेरिकी डिप्लोमेट को पहले वापस बुलाया और फिर इनकी जगह नए डिप्लोमेट्स को भेजा. हालात ये भी देखने को मिले कि कनाडा और चीन के अलावा सऊदी अरब में अमेरिकी डिप्लोमेट्स का पद कुछ दिनों के लिए खाली ही रहा.
"वॉशिंगटन पोस्ट" की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प ने शुरुआती 827 दिन में करीब 10 हजार गलत दावे किए. 9 जुलाई 2019 तक ये डाटा 20, 055 हो गया. इसमें खास बात ये रही कि सबसे ज्यादा झूठे दावे चुनाव को लेकर किए गए.
इसके बाद अमेरिकी अर्थव्यस्था और रोजगार को लेकर ट्रम्प हमेशा झूठ बोलते नज़र आये. राष्ट्रपति तौर पर ट्रम्प ने एवरेज हर दिन 12 झूठे दावे किए.
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