Chemistry Nobel: सूक्ष्म क्वांटम डॉट्स पर अलग तरह से काम करने के लिए मौंगी बावेंडी, लुई ब्रूस और एलेक्सी एकिमोव को रसायन का नोबल पुरस्कार दिया गया है. इन लोगों के नाम पहले ही लीक हो गए थे.
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Chemistry Nobel: रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार मौंगी बावेंडी, लुई ब्रूस और एलेक्सी एकिमोव को सूक्ष्म क्वांटम डॉट्स पर उनके काम के लिए देने का ऐलान किया गया है. क्वांटम डॉट्स सूक्ष्म कण होते हैं जो बहुत चमकीले रंग का उजाला छोड़ सकते हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और चिकित्सा जगत में इमेजिंग में इनका इस्तेमाल किया जाता है. ‘रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज’ ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के मौंगी बावेंडी; कोलंबिया यूनिवर्सिटी के लुई ब्रूस और नैनोक्रिस्टल टेक्नोलॉजी इंक के एलेक्सी एकिमोव को केवल कुछ परमाणुओं के व्यास वाले सूक्ष्म कणों पर उनके काम के लिए सम्मानित करने का ऐलान किया.
TV स्क्रीन और LED लैंप में आता है काम
‘रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज’ ने कहा, ‘‘इन सूक्ष्म कणों में खास गुण होते हैं और आजकल टेलीविजन स्क्रीन और एलईडी लैंप से रोशनी फैलाने में इस्तेमाल होते हैं. वे रासायनिक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं और उनकी साफ रोशनी एक सर्जन के लिए ट्यूमर ऊतक को रोशन कर सकती है.’’
लीक हुए वैज्ञानिकों के नाम
सम्मानित किये जाने वाले वैज्ञानिकों के नाम के लीक होने का भी मामला सामने आया है क्योंकि स्वीडिश मीडिया ने पुरस्कार के ऐलान से पहले विजेताओं के नाम की खबर प्रसारित की. एकेडमी के महासचिव हंस एलेग्रेन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘एक प्रेस रिलीज भेजी गई थी, जिसकी वजह अभी मालूम नहीं हैं. हम यह जानने के लिए कोशिश कर रहे हैं कि असल में क्या हुआ था. यह बदकिसमती है, जो हुआ उसका हमें अफसोस है.’’
ऐसे दिया जाता है अवार्ड
भौतिकी, रसायन विज्ञान और अर्थशास्त्र के इलाके में पुरस्कार देने वाली एकेडमी दुनिया भर के हजारों विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर और दूसरे माहिरों से एक साल पहले नामांकन मांगती है. हर इनाम के लिए एक समिति पूरे साल सिलसिलेवार बैठकों में उम्मीदवारों के नाम पर बातचीत करती है. आखिर में समिति वोटिंग के लिए एकेडमी को एक या इससे ज्यादा प्रस्ताव देती है. विजेताओं के अलावा नामित शख्स के नाम सहित विचार-विमर्श को 50 सालों तक गोपनीय रखा जाता है.
वैज्ञानिक ने क्या कहा?
एकेडमी ने कहा कि एकिमोव (78) और ब्रूस (80) प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अग्रदूत रहे हैं, जबकि बावेंडी (62) को क्वांटम डॉट्स को बनाने में मदद करने का श्रेय दिया जाता है, इसके नतीजे में तकरीबन पूर्ण कण पैदा हुए. एकेडमी ने कहा कि अनुप्रयोगों में इस्तेमाल के लिए यह उच्च गुणवत्ता जरूरी थी. बावेंडी ने मीडिया से कहा कि वह ‘‘आश्चर्यचकित, स्तब्ध, और बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को 90 के दशक के मध्य में इसके निहितार्थों का एहसास हुआ कि कुछ वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोग हो सकते हैं.’’