कोरोना को जन्म देने वाले देश, चीन में क्यों नहीं लौटी Virus की दूसरी लहर, पढ़ें खास रिपोर्ट
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कोरोना को जन्म देने वाले देश, चीन में क्यों नहीं लौटी Virus की दूसरी लहर, पढ़ें खास रिपोर्ट

भारत नेपाल, बंगलादेश, जर्मनी, अर्जेंटीना, मंगोलिया समेत कई देशों में कोरोना महामारी की दूसरी लहर चरम पर है. भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 19 अप्रैल की सुबह जानकारी दी कि पिछले 24 घंटे में देश भर में 2,73,810 कोरोना के नये मामले दर्ज हुए.

फाइल फोटो

बीजिंग: भारत नेपाल, बंगलादेश, जर्मनी, अर्जेंटीना, मंगोलिया समेत कई देशों में कोरोना महामारी की दूसरी लहर चरम पर है. भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 19 अप्रैल की सुबह जानकारी दी कि पिछले 24 घंटे में देश भर में 2,73,810 कोरोना के नये मामले दर्ज हुए. रविवार को बंगलादेश में कोरोना महामारी से मरने वालों की नयी संख्या 102 हुई, जो अब तक सर्वाधिक है लेकिन विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाले देश चीन में कोरोना के नियंत्रण की स्थिति बहुत अच्छी बनी हुई है, जो विश्व भर में अग्रसर है. चीनी हेल्थ मिनिस्ट्री ने सोमवार को यह जानकारी दी कि अब सिर्फ 315 एक्टिव मामले हैं, जिनमें 241 मामले बाहर से आये हैं. स्थानीय विश्लेषकों के विचार में चीन की सफलता के पीछे चार मुख्य कारण हैं.

पहला, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के मजबूत नेतृत्व (कयादत) में पिछले अप्रैल में कोरोना के मुकाबले में निर्णायक सफलता पाने के बाद चीन की अलग-अलग स्तर की सरकारों ने कोरोना की सामान्य रोकथाम और कंट्रोल में कोई कसर नहीं छोड़ी और संपूर्ण कार्य तंत्र स्थापित किया है. आर्थिक गतिविधि और सामाजिक जीवन की सिलसिलेवार बहाली के साथ सरकार महामारी की रोकथाम के एहतियाती कदमों पर कड़ी नजर बनाए हुए है, जैसे कोल्ड चेन यातायात, दुकान, चिकित्सा सर्विस वगैरह संवेदनशील व्यवसायों में कार्यरत लोगों के प्रति नियमित रूप से कोरोना जांच की जाती है और सार्वजनिक स्थलों पर शारीरिक तापमान जांच व क्यूआर कोड की पुष्टि की जाती है और मास्क पहनना अनिवार्य है.

उल्लेखनीय बात है कि चीन बाहर से आने वाले लोगों के प्रति एक बंद दायरे वाली प्रबंधन व्यवस्था लागू करता है और सख्त क्वॉरंटीन कदम अपनाता है, जिससे चीन ने बाहर से आने वाले कोविड-19 खतरे को निचने स्तर पर घटाया है.

बड़े पैमाने पर कोरोना टेस्ट और छोटे-छोटे दायरे बनाए
चीन में कुछेक स्थानों में उभरी महामारी के प्रति त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र लागू किया जाता है और महामारी को सबसे छोटे दायरे में सीमित करने की पूरी कोशिश की जाती है. पिछले साल 8 अप्रैल को चीन के वुहान शहर में लॉकडाउन हटाया गया, जिसका प्रतीक है कि चीन ने कोरोना के साथ लड़ाई में जीत पायी है. इसके बाद चीन में कुछ जगहों पर कोरोना महामारी फैली, जैसे पेइचिंग का शिनफाती थोक बाजार, हपेइ प्रांत का शीच्याचुआंग शहर, और दक्षिण चीन का रुइली क्षेत्र इत्यादि. लेकिन चीन ने जल्दी से उन पर काबू पाया. इस दौरान महामारी के निपटारे में चीन के ये अनुभव बहुत प्रभावी साबित हुए, जैसे कोविड संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आने वाले लोगों का शीघ्र ही पता लगाकर उन्हें क्वॉरंटीन करना, संबंधित क्षेत्रों में लॉकडाउन लगाना, बड़े पैमाने पर कोरोना टेस्ट करना आदि.

अधिकारियों पर हुई सख्त कार्रवाई
चीन में स्थानीय अधिकारियों के प्रति सख्त जबावदेह व्यवस्था है। इस महामारी के शुरूआत में ही सत्तारूद्ध पार्टी सीपीसी ने जन स्वास्थ्य और जान की सुरक्षा को सर्वोपरी रखा। महामारी के निपटारे में लापरवाही बरतने और अक्षमता होने वाले अधिकारियों को फौरन ही पद से हटा दिया गया और नियमों के मुताबिक सजा दी गई। उदाहरण के लिए इस मार्च में रुइली क्षेत्र में महामारी पैदा होने के बाद स्थानीय सीपीसी समिति के सचिव कोंग युनजुन को उनके पद से हटा दिया गया।

आम लोगों निर्देशों का करते हैं सख्ती से पालन
चीनी लोग सरकार के संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन करने में अधिक सक्रिय और आज्ञाकारी हैं. इस फरवरी में चीन का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार वसंत त्याहोर आने से पहले चीन सरकार ने लोगों से कार्य स्थल पर त्योहार मनाने और गृहनगर वापस न जाने की अपील की. अंत में वसंत त्योहार के दौरान यात्रियों की संख्या वर्ष 2019 और वर्ष 2020 की तुलना में अलग-अलग तौर पर 70.9 प्रतिशत 40.8 प्रतिशत कम हुई. आम लोगों का सहयोग वायरस की चेन को तोड़ने और महामारी के नियंत्रण में बहुत महत्वपूर्ण है.

(इनपुट: आईएएनएस)

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