चालक दल के सदस्यों की कमी और तकनीकी गड़बड़ी के कारण अपने बोइंग ड्रीमलाइनर बेड़े का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पा रही है.
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मुंबई : घाटे से जूझ रही सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एअर इंडिया के सामने अब स्टाफ की कमी और तकनीकी गड़बड़ी जैसी समस्याएं भी आने लगी हैं. चालक दल के सदस्यों की कमी और तकनीकी गड़बड़ी के कारण अपने बोइंग ड्रीमलाइनर बेड़े का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पा रही है. कंपनी हर दिन केवल 21 विमानों का ही उपयोग परिचालन सेवाओं के लिए कर पा रही है. एअर इंडिया के बोइंग 787-800 (ड्रीमलाइनर) बेड़े में केवल 27 विमान हैं. हालांकि एयर इंडिया सूत्रों का कहना है कि खर्चों पर लगाम लगाने के मकसद से विमानों के परिचालन में कमी की गई है.
विमानन कंपनी 256 लोगों के बैठने की क्षमता वाले बोइंग 787 विमानों का इस्तेमाल सिंगापुर, जापान, ऑस्ट्रेलिया, चीन, थाईलैंड, इस्राइल, दक्षिण कोरिया और दुबई के अलावा मुख्य रूप से यूरोपीय देशों में परिचालन सेवाओं के लिए करती है. इस समय प्रतिदिन केवल 21 विमानों का परिचालन किया जा रहा है. हालांकि एअर इंडिया के एक अधिकारी ने बताया कि केवल तीन विमानों का परिचालन नहीं हो पा रहा है, जबकि 24 विमानों का इस्तेमाल विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों के लिए किया जा रहा है.
बता दें कि एयर इंडिया इस समय भारी आर्थिक घाटे से जूझ रही है. सरकार ने इस कंपनी को बेचने के लिए कई बार प्रयास किए, लेकिन एयर इंडिया को लेने के लिए कोई भी खरीदार सामने नहीं आया.
(इनपुट भाषा से)