प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही कर्मचारियों और मजदूरों को खुश करने की तैयारी में हैं. केंद्र में मोदी सरकार आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए अपना फोकस ऐसे ही वर्ग पर करना चाहती है.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही कर्मचारियों और मजदूरों को खुश करने की तैयारी में हैं. केंद्र में मोदी सरकार आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए अपना फोकस ऐसे ही वर्ग पर करना चाहती है. ऐसे में सरकार प्राइवेट नौकरी करने वालों से लेकर रोजाना मजदूरी वालों को राहत देने की तैयारी कर रही है. मोदी सरकार कर्मचारियों को फायदा पहुंचाने के लिए जल्द ही 3 महत्वपूर्ण कानून ला सकती है. इन कानून की मदद से कर्मचारियों को सुरक्षा, न्यूनतम सैलरी जैसे कई लाभ मिलने के आसार हैं. उम्मीद है जल्द ही ऐसे प्रस्ताव को अमल में लाकर कानूनी रूप दिया जाएगा.
क्या होंगे बदलाव
सरकार तीन विधेयक पर काम कर रही है. श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कहा कि सरकार कर्मचारियों और मजदूरों के हित में काम कर रही है. नए प्रस्तावों पर एक्सपर्ट और इंडस्ट्री से सुझाव मांगे गए हैं, जो सुझाव बेहतर लग रहे हैं, उनको अमल में लाया जा रहा है. इन कानून को आने से कर्मचारियों को न सिर्फ आर्थिक मजबूती मिलेगी बल्कि उन्हें नौकरी क्षेत्र में एक मजबूती भी मिलेगी.
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क्या हैं नए कानून
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, मोदी सरकार 'ऑक्युपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड पर काम कर रही है. यह सबसे महत्वपूर्ण विधेयक है. इस कोड का जो प्रस्ताव तैयार किया गया है कि उसमें 10 कर्मचारी वाली कंपनियों को एम्प्लॉई को अपॉइंटमेंट लेटर यानी नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा. बिना नियुक्ति पत्र के कर्मचारियों से काम लेना गैरकानूनी होगा. नियुक्ति पत्र की अनिवार्यता से कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन भी मिलेगा. साथ ही कंपनी लॉ के अधीन उन्हें सब सुविधाएं भी मिलेंगी.
कर्मचारियों को मिलेगी सुरक्षा
ऑक्युपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड के तहत कार्यस्थल पर कर्मचारियों को पूरी सुरक्षा देने का प्रावधान किया गया है. प्रावधान के तहत कंपनी को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वर्किंग प्लेस में ऐसी कोई चीज न हो, जिससे कर्मचारियों को बीमार या घायल होने का रिस्क हो. ऐसा होने पर कंपनी के खिलाफ एक्शन लिया जा सकेगा और कंपनी को कर्मचारियों को मुआवजा देना होगा.
तय होगी न्यूनतम सैलरी
मोदी सरकार जिस दूसरे विधेयक पर काम कर रही है वो- 'कोड ऑन वेजेज' है. इस विधेयक में केंद्र को सभी सेक्टर के लिए न्यूनतम मजदूरी तय करने का अधिकार होगा. इस कानून का पालन राज्यों को भी करना होगा. इसके तहत 4 कानून- 'मिनिमम वेजेज ऐक्ट 1948', 'पेमेंट ऑफ वेजेज ऐक्ट 1936', पेमेंट ऑफ बोनस ऐक्ट 1965' और 'इक्वल रिमुनेरेशन ऐक्ट 1976' को मिलाकर वेतन की परिभाषा तय की जाएगी.
रिटायरमेंट के बाद लाभ ज्यादा
सोशल सिक्यॉरिटी कोड के विधेयक पर भी काम हो रहा है. इसके तहत सरकार ने रिटायरमेंट, हेल्थ, ओल्ड एज, डिसेबिलिटी, अनएंप्लॉयमेंट और मैटरनिटी बेनेफिट्स देने के लिए एक बड़ी व्यवस्था का प्रस्ताव किया है. कुछ दिन पहले एक बैठक में श्रम मंत्रालय ने यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी कोड पर एक प्रजेंटेशन दिया था, जिसके बाद वित्त मंत्रालय भी इस विचार पर सहमत हुआ. बताया जा रहा है कि इस स्कीम के तहत पेंशन, मैटरनिटी कवर के साथ-साथ मेडिकल, बीमारी और बेरोजगारी भी कवर होगी.