नीरव मोदी दिसंबर 2016 में अपने भाई निहाल की शादी के समय देश छोड़ने की योजना बना रहा था.
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नई दिल्ली: पीएनबी बैंक को 11300 करोड़ का चूना लगाकर देश से भागने वाले ज्वेलरी कारोबारी नीरव मोदी के बारे में एक और नया खुलासा हुआ है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक वह 2016 में भारत से भागना चाहता था लेकिन नोटबंदी ने उसका गेम बिगाड़ दिया था. जानकारी के मुताबिक, नीरव मोदी दिसंबर 2016 में अपने भाई निहाल की शादी के समय देश छोड़ने की योजना बना रहा था. लेकिन दिसंबर माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी कर दी और उसे अपना प्लान स्थिगित करना पड़ा.
सत्रों ने बताया कि नीरव मोदी ने कथित तौर पर कई बोगस कंपनियां बनाई. जांच एजेंसियों का मानना है कि नीरव में कई कंपनियों में फर्जी निवेश दिखाया. नीरव ने पहले फंड को भारत से मकाऊ फिर बीजिंग, हांगकांग, सिंगापुर और कुआलालापुर भेजा. नीरव मोदी को अपने खिलाफ कार्रवाई होने का अंदेशा हो गया था.
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सत्रों ने यह भी बताया कि नीरव अकेले देश नहीं छोड़ना चाहता था इसलिए उसने अपने भाई को बेल्जियम की नागरिकता दिलाई. दोनों भाईयों के देश छोड़ने के बाद जब कोई हो-हल्ला नहीं हुआ तो उसने अपने मामा मेहुल चौकसी को बुला लिया. इसी बीच, उसकी पत्नी मुंबई में बनी रही और जांच एजेंसियों, बैंक और मीडिया की गतिविधियों की जानकारी देती रही. बाद में वह भी बच्चे के साथ देश छोड़कर चली गई.
नीरव मोदी के न्यूयॉर्क में होने की खबरें
उधर, PNB घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी के न्यूयॉर्क में होने की खबरें मीडिया में आ रही हैं. मोदी का पूरा परिवार जनवरी के पहले सप्ताह में ही भारत छोड़ चुका है. मोदी को अंतिम बार स्विटजरलैंड में आयोजित दावोस सम्मेलन में देखा गया था. उनकी पत्नी के पास अमेरिका की नागरिकता है जबकि उनके भाई बेल्जियम की नागरिकता ले चुके हैं. माना जाता है कि मोदी अधिकतर समय अमेरिका में बिताता है. पहले वह भारत की यात्रा ज्यादा करता था लेकिन पिछले दो वर्षों से उसने भारत आना कम कर दिया था.
1 जनवरी को छोड़ा था देश
खबरों के मुताबिक, बैंक फ्रॉड में लिप्त नीरव मोदी एक जनवरी को ही देश छोड़ कर भाग चुका है. सूत्रों की मानें तो नीरव का भाई निशाल बेल्जियम का नागरिक है. वह भी एक जनवरी को भारत छोड़ गया. हालांकि, वे दोनों साथ गए थे या अलग-अलग इसकी जांच अभी की जानी है. नीरव की पत्नी और अमेरिकी नागरिक एमी छह जनवरी को यहां से निकलीं. उसके चाचा तथा गीतांजलि जूलरी के प्रवर्तक मेहुल चौकसी चार जनवरी को देश छोड़कर भागे हैं.
ऐसे दिया धोखाधड़ी को अंजाम
पीएनबी के अधिकारियों ने धोखाधड़ी कर अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी से जुड़े फर्मों को साख पत्र (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) दिया. इससे उन्होंने विदेशों में निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों से रुपया भुनाया. यह सब 2011 से काम कर रहे उप-महाप्रबंधक के स्तर के अधिकारियों के साथ साठगांठ कर किया गया.
नीरव मोदी से जुड़े तीन फर्म, मे. डायमंड्स आर यूएस, मे. सोलर एक्सपोर्ट्स, मे. स्टेलर डायमंड्स ने बैंक को संपर्क कर बायर्स क्रेडिट की मांग की जिससे वे अपने विदेश के कारोबारियों को भुगतान कर सकें. शिकायत के मुताबिक नीरव मोदी, निश्चल मोदी, अमी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी इन फर्म में पार्टनर थे. इन फर्म को बैंक के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से बायर्स क्रेडिट प्रदान की गई, जबकि उनका कोई पुराना बेहतर क्रेडिट रिकॉर्ड नहीं था. इसके बाद हांगकांग की बैंक शाखाओं में धन का स्थानांतरण किया गया.