दुनिया के वो 5 गैंगरेप केस, जिनके आगे क्रूरता, बर्बरता जैसे शब्द भी छोटे हैं
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दुनिया के वो 5 गैंगरेप केस, जिनके आगे क्रूरता, बर्बरता जैसे शब्द भी छोटे हैं

दुनिया में गैंगरेप के ऐसे मामले और हैं जिनमें पीड़िता के साथ क्रूरता की सभी हदें पार कर दी गईं.

गैंगरेप के वो केस जिन्हें सुन रूह कांप जाए (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली: 16 दिसंबर 2012 को भारत की राजधानी दिल्ली में एक 23 वर्षीय मेडिकल स्टूडेंट के साथ जो क्रूरता हुई उसने पूरे देश को हिला कर रख दिया. युवती के साथ जो हुआ उसके प्रति आक्रोश दुनियाभर से व्यक्त किया गया. घटना के पांच साल बाद भी उस दिन को याद कर हर शख्स सिहर जाता है. लेकिन निर्भया अकेली नहीं थी, जिसने दुनिया को फिर से महिला सुरक्षा के मुद्दे के बारे में सोचने को मजबूर कर दिया. दुनिया में गैंगरेप के ऐसे चार मामले और हैं जिनमें पीड़िता के साथ क्रूरता की सभी हदें पार कर दी गईं.

  1. गैंगरेप को वो केस जिनके आगे बर्बरता, क्रूरता जैसे शब्द छोटे हैं
  2. 400 बार गैंगरेप के दौरान युवती के निपल्स काटे, जिंदा जलाया
  3. गैंगरेप के बाद युवती को इतना मारा कि सिर धड़ से अलग हो गया

दिल्ली का निर्भया कांड: 16 दिसंबर 2012 को 23 वर्षीय मेडिकल स्टूडेंट अपने पुरुष मित्र के साथ फिल्म देखकर लौट रही थी. जब उन्हें घर जाने का कोई साधन नहीं मिला तो उन्होंने एक बस में लिफ्ट ली. रास्ते में बस में मौजूद पुरुषों ने लड़की से छेड़छाड़ करना शुरू कर दी. पुरुष मित्र ने इसका विरोध किया तो उन्होंने उसे बुरी तरह पीटते हुए अधमरा कर दिया. इसके बाद उन्होंने युवती के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया. वारदात के दौरान युवती के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड तक डाली गई. इसके बाद युवती और उसके दोस्त को दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर के नजदीक वसंत विहार इलाके में बस से फेंक दिया. पीड़ित लड़की को नाजुक हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालत नाजुक होने पर उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया. जहां उसने दम तोड़ दिया.

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यूक्रेन का ओक्साना मकर केस: साल 2012 में ही मार्च महीने में यूक्रेन से एक दिल दहला देने वाला गैंगरेप का केस सामने आया. अपने 19वें जन्मदिन से महज कुछ ही दिन पहले ओक्साना नाम की युवती के साथ तीन लोगों ने गैंगरेप किया. इसके बाद उसे पीटा गया. हमलावर ओक्साना को एक विरान जगह ले गए, जहां उन्होंने उसमें आग लगा दी. घंटों तक जलने के बाद अगले दिन युवती को ढूंढ लिया गया, उस समय तक उसकी सांसे चल रही थी. लेकिन कुछ ही समय बाद उसकी मौत हो गई. 

ह्यूस्टन का एलिजाबेथ और जेनिफर गैंगरेप केस: संयुक्त राज्य अमेरिका के टेक्सास राज्य का सबसे बड़ा नगर ह्युस्टन आज भी साल 1993 को याद कर सिहर जाता है. 16 वर्षीय एलिजाबेथ और 14 वर्षीय जेनिफर ने घर जाने के लिए शॉर्टकट लेने का फैसला किया. लेकिन ये उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल साबित हुई. रेलरोड ब्रिज पर पहुंचने पर उन्हें ब्लैक एंड व्हाइट नाम के एक गिरोह ने घेर लिया और छेड़छाड़ के बाद उनके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया. वे इतने पर ही नहीं रुके और दोनों लड़कियों की जान ले ली.

वारदात को अंजाम देने वाले सभी किशोर थे, जिसमें से एक की उम्र महज 14 साल थी. मेडिकल रिपोर्ट में सामने आया कि मारपीट में एलिजाबेथ के दांत तोड़ दिए गए थे, वहीं जेनिफर की पसलियां टूटी हुई थीं. गला घोंटने के बाद दोनों की गर्दन को लातें मार-मारकर तोड़ दिया गया था, ताकि वे जिंदा न बच सकें.

जापान का जंको फुरुता गैंगरेप केस: बर्बरता, क्रूरता जैसे कोई भी शब्द जापान के जंको फुरुता गैंगरेप केस के लिए छोटे हैं. 12 नवंबर 1988 को 17 साल की जंको फुरुता का चार युवकों ने अपहरण कर लिया, जिसके बाद उसे एक अपराधी के घर में बंधी बनाकर रखा गया. गैंगरेप की घटना को अंजाम देने के बाद अपराधियों ने जंको को 44 दिनों तक जुल्म ढाया. बाद में पकड़े गए हमलावरों ने बताया कि इस दौरान उन्होंने जंको फुरुता के साथ 400 बार रेप किया, उसे सिगरेट से दागा, कॉकरोच खिलाए, उसके प्राइवेट पार्ट में पटाखे डाल कर जलाए गए, उसको पेशाब पिलाया गया, प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड और बल्ब डाले गए, उसके निपल्स काट दिए गए. इस हैवानियत के आखिरी दिन उन्होंने उसे जिंदा जला दिया, जिसमें उसकी मौत हो गई.

ऑस्ट्रेलिया का अनीता लोरेन कॉबी गैंगरेप केस: 26 वर्षीय अनीता लोरेन कॉबी 2 फरवरी 1986 को अपनी ड्यूटी खत्म कर घर लौट रही थी. रास्ते में पांच युवकों ने उसका अपहरण किया और गले में कांटेदार तार लपेटते हुए उसे घटनास्थल तक घसीटा. इसके बाद उसके साथ गैंगरेप किया गया. इसके बाद उसका गला रेतकर हत्या कर दी गई. 

मेडिकल रिपोर्ट में सामने आया कि हमलावरों ने उसकी इतनी पिटाई की थी कि उसका सिर धड़ से लगभग अलग हो चुका था, जिसके बाद उसका गला काटा गया. जिस समय उसके साथ ये सब किया जा रहा था तब अनीता की सांसे चल रही थीं.

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