गुजरात में विधानसभा चुनाव के तारीखों के ऐलान की संभावनाओं के बीच राज्य सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने का ऐलान किया है.
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नई दिल्ली: गुजरात में विधानसभा चुनाव के तारीखों के ऐलान की संभावनाओं के बीच राज्य सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने का ऐलान किया है. गुजरात सरकार के इस फैसले से राज्य के शिक्षकों और नगर निगम कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोगी की सिफारिशों के तहत बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी. इसके अलावा राज्य सरकार ने मां वात्सल्य स्कीम की सुविधा बढ़ाने का फैसला किया है. अब ढाई लाख तक सालाना कमाने वाले कर्मचारियों का राज्य सरकार मुफ्त में इलाज कराएगी. अब तक यह सुविधा सालाना दो लाख रुपए कमाने वालों के लिए थी. राज्य सरकार ने ये भी भरोसा जताया है कि शिक्षकों सहित अन्य राज्य कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में भी इजाफा का फैसला जल्द लिया जा सकता है.
गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने शुक्रवार को कहा कि 7वां वेतन आयोग लागू होने के बाद सेकेंडरी स्कूल के शिक्षकों की सैलरी 25,000 रुपए हो गई है. अब तक राज्य के शिक्षकों को हर महीने 16,500 रुपए मिलते हैं. वहीं असिस्टेंट शिक्षकों की सैलरी 10,500 से बढ़कर 16,224 रुपए हो गया है. वहीं एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंट्स की मासिक सैलरी 11,500 रुपए से बढ़कर 19,950 रुपए हो गई है.
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मालूम हो कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान एक साथ होने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन चुनाव आयोग ने ऐसा नहीं किया है. मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोति ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है, लेकिन गुजरात के लिए कहा है कि बाढ़ राहत कार्यों के लिए वहां कुछ दिन बाद चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी.
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उधर, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी समेत कई विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार के दबाव में गुजरात चुनाव की तारीखें रोक रखी है. आरोप है कि केंद्र और राज्य सरकारें गुजरात के लिए लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा कर देंगे उसके बाद यहां चुनाव की तारीखें घोषित की जाएंगी.
इनपुट: PTI