अमरावती में आयोजित पोलित ब्यूरो की बैठक में चंद्रबाबू नायडू ने अपने सांसदों से टेलीकॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा कि वे आंध्र प्रदेश को 'विशेष राज्य' का दर्जा दिलाने के मुद्दे पर दिल्ली में एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएं.
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नई दिल्ली: तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़ लिया है. पार्टी की शुक्रवार को हुई पोलित ब्यूरो की बैठक में यह फैसला लिया गया, जिसके बाद तेदेपा के 16 सांंसदों ने एनडीए से अपना समर्थन वापस ले लिया. आंध्रप्रदेश को 'विशेष राज्य' का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस लगातार भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर दबाव बना रही है. इससे पहले बीते 8 मार्च को तेदेपा के दो मंत्रियों ने राजग सरकार से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि इसके बावजूद पार्टी ने कहा था कि वह केंद्र को अपना समर्थन जारी रखेगी. अमरावती में आयोजित पोलित ब्यूरो की बैठक में चंद्रबाबू नायडू ने अपने सांसदों से टेलीकॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा कि वे आंध्रप्रदेश को 'विशेष राज्य' का दर्जा दिलाने के मुद्दे पर दिल्ली में एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएं.
सभी दलों को साथ मिलकर काम करना होगा- ममता
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और ममता बनर्जी ने टीडीपी के इस फैसले का स्वागत किया है. टीएमसी प्रमुख ने ट्वीट किया, ‘मैं तदेपा के राजग छोड़ने के फैसला का स्वागत करती हूं. वर्तमान हालात में देश को विपत्तियों से बचाने के लिए ऐसे कदम आवश्यक हैं.’
I welcome the TDP's decision to leave the NDA. The current situation warrants such action to save the country from disaster. I appeal to all political parties in the Opposition to work closely together against atrocities, economic calamity&political instability: Mamata Banerjee pic.twitter.com/zRKBWMdKbL
— ANI (@ANI) March 16, 2018
ममता ने लिखा, ‘मैं विपक्षी राजनीतिक दलों से अत्याचारों, आर्थिक विपत्तियों और राजनीतिक अस्थिरता के खिलाफ निकटता से काम करने की अपील करती हूं.’
TDP withdrew support from NDA, which did injustice to AP, TDP President Chandrababu Naidu took this decision in an emergency teleconference with party politburo members and MPs, which was unanimously supported. TDP to also introduce no-confidence motion against NDA govt: AP CMO pic.twitter.com/ZJCEJI3sJM
— ANI (@ANI) March 16, 2018
TDP पोलित ब्यूरो ने सर्वसम्मति से लिया NDA छोड़ने का फैसला
पार्टी प्रमुख एवं आंध्र पद्रेश मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के साथ एक टेलीकॉन्फ्रेंस के जरिए तेदेपा पोलित ब्यूरो ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया. उसने कहा कि तेलुगु देशम पार्टी आज (शुक्रवार, 16 मार्च) अविश्वास प्रस्ताव लाने के सबंध में एक नोटिस जारी करेगी. पार्टी पोलित ब्यूरो के राजग छोड़ने के निर्णय पर बैठक शुक्रवार (16 मार्च) शाम होनी थी, लेकिन नायडू की पार्टी नेताओं के साथ शुक्रवार सुबह हुई दैनिक टेलीकॉन्फ्रेंस में ही औपचारिकताएं पूरी कर ली गईं. पार्टी की आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि तदेपा, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और राजग के अन्य घटकों को अपने निर्णय और उसके कारणों की जानकारी देने के लिए पत्र लिखेगी.
सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव लाएगी टीडीपी
तेदेपा ने कहा कि वह केंद्र सरकार के खिलाफ सोमवार (19 मार्च) को अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. तेदेपा ने एक बयान में कहा, 'हम 54 सांसदों का हस्ताक्षर 19 मार्च को लाएंगे और संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे.' आंध्र प्रदेश के मंत्री केएस जवाहर ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने हमारे साथ धोखा किया. मंत्री ने कहा, भाजपा ने तेलुगू जनता को धोखा दिया. हम राजग सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रहे हैं.'
BJP has cheated Telugu people, this time also they have succeeded in doing so, we will be moving a no-confidence motion (in the Parliament): KS Jawahar, Andhra Pradesh Minister pic.twitter.com/10jwZaPDiZ
— ANI (@ANI) March 16, 2018
वहीं दूसरी ओर तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सांसद ने केंद्र से समर्थन वापस लेने की बात पर सहमति जताते हुए सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही. टीडीपी सांसद थोटा नरसिम्हन ने कहा, 'हमारी पार्टी आज संसद में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. हमने फैसला किया है, हम लोग एनडीए से बाहर हैं.'
Our party will be moving no-confidence motion today (in Parliament). We have decided... we are out of the NDA: Thota Narsimhan, TDP MP pic.twitter.com/73StNsOjtF
— ANI (@ANI) March 16, 2018
तेदेपा नेता कांग्रेस पर बरसे, भाजपा को वादे याद दिलाए
तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सांसद आशोक गजापति राजू ने गुरुवार (15 मार्च) को 'अवैज्ञानिक तरीके से और जल्दबाजी में आंध्र प्रदेश का विभाजन करने के लिए' कांग्रेस की निंदा की और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कहा कि वह राज्य के प्रति किए गए अपने वादों को याद करे. आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नही दिए जाने को अन्याय बताते हुए पूर्व विमानन मंत्री राजू ने अपनी पार्टी के वाई.एस. चौधरी के साथ मोदी सरकार से इस्तीफा दे दिया था.
राजू ने लोकसभा में कहा, "आंध्र प्रदेश को आंध्र प्रदेश राज्य के अवशेष की स्थिति में पहुंचा दिया गया. राज्य के लोगों को एक ऐसी स्थिति में फेंक दिया गया है, जहां वे संस्थाओं, आधारभूत ढांचे, पूंजी..से वंचित है. क्षेत्र में राज्य की प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है." कांग्रेस सांसदों के विरोध के बीच राजू ने कहा कि जिस तरह राज्य का विभाजन हुआ और जिस तरह इसने लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर दबाव डाला वह दुनिया में किसी भी लोकतांत्रिक गणतंत्र में अभूतपूर्व है.
शिवसेना के बाद TDP ने भी साथ छोड़ा, 2019 में BJP को नुकसान होगा?
भाजपा को झटका, तेदेपा ने छोड़ा मोदी सरकार का साथ
भाजपा को तगड़ा झटका देते हुए तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने गुरुवार (8 मार्च) को मोदी सरकार से किनारा कर लिया था. पार्टी के मंत्री पी. अशोक गजपति राजू (उड्डयन मंत्री) और वाई. एस. चौधरी (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री) ने अपने-अपने इस्तीफे प्रधानमंत्री को सौंपे थे. हालांकि दोनों मंत्रियों ने कहा था कि पार्टी अभी भी सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा बनी रहेगी और उन्हें आशा है कि द्विभाजन के वक्त आंध्र प्रदेश से किया हुआ वादा जैसे शेष राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देना और अन्य वित्तीय मांग पूरी होंगी.
विशेष दर्जा मिलने के क्या हैं फायदे? इन वजहों से TDP हुआ BJP से अलग
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से मोदी द्वारा टेलीफोन पर बात करने और कथित रूप से राजग सरकार से बाहर निकलने के सवाल पर पुनर्विचार करने के लिए आग्रह करने के बाद मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था, लेकिन नायडू ने प्रत्यक्ष रूप से उन्हें अपनी मजबूरी बताई. इसी से संबंधित कड़ी में भाजपा ने 8 मार्च की सुबह आंध्र प्रदेश में नायडू सरकार से अपने दो मंत्रियों को वापस बुला लिया था. तेदेपा के इस कदम से मोदी सरकार की स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि उसके पास संसद में पर्याप्त संख्या है, लेकिन उसके लिए यह किसी झटके से कम नहीं है क्योंकि तेदेपा करीब चार साल में केंद्र से बाहर होने वाली पहली पूर्व चुनाव सहयोगी पार्टी है. तेदेपा के लोकसभा में 16 और राज्यसभा में छह सदस्य हैं.
(इनपुट एजेंसी से भी)