Navratri Hawan Vidhi: नवरात्रि में नवमी के दिन इस तरीके से करें हवन, दुर्गा मां का मिलेगा आशीर्वाद
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Navratri Hawan Vidhi: नवरात्रि में नवमी के दिन इस तरीके से करें हवन, दुर्गा मां का मिलेगा आशीर्वाद

Bihar News : नवरात्रि के नवमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग होता है, जिसके दौरान सूर्योदय के बाद महागौरी और सिद्धिदात्री पूजा की जाती है और इसके बाद हवन किया जा सकता है. इसके बाद कन्या पूजा का आयोजन किया जाता है.

Navratri Hawan Vidhi: नवरात्रि में नवमी के दिन इस तरीके से करें हवन, दुर्गा मां का मिलेगा आशीर्वाद

Navami Hawan: नवरात्रि के महत्वपूर्ण दिनों में हवन करना मां दुर्गा की पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है और हवन इसका महत्वपूर्ण अंग होता है. हवन के बिना नवरात्रि की पूजा अधूरी मानी जाती है. इसके बारे में जानने के लिए हम यहां हवन की सही विधि और इससे मिलने वाले लाभ के बारे में चर्चा करेंगे.

आचार्य मदन मोहन के अनुसार बता दें कि नवरात्रि में हवन का महत्व अत्यधिक होता है क्योंकि इसमें हम मां दुर्गा की पूजा के साथ ही नौ दिनों के यात्रा का आयोजन करते हैं. कुछ लोग नवरात्रि में पूरे नौ दिन हवन करते हैं, जबकि अन्य लोग नवमी के दिन हवन करते हैं. नवरात्रि के नवमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग होता है, जिसके दौरान सूर्योदय के बाद महागौरी और सिद्धिदात्री पूजा की जाती है और इसके बाद हवन किया जा सकता है. इसके बाद कन्या पूजा का आयोजन किया जाता है.

हवन करने के लिए आपको कुछ आवश्यक सामग्री की आवश्यकता होती है. जैसे कि हवन कुंड, आम की लकड़ी, काले तिल, कुमकुम, अक्षत, जौ, धूप, पंचमेवा, सूखा नारियल, घी, लोबान, लौंग, गुग्गल, कमल गट्टा, सुपारी, कपूर, लौंग और हवन के लिए भोग आदि. सबसे पहले आपको हवन कुंड को गंगाजल से शुद्ध करना होगा और उसके चारों ओर कलावा बांधना होगा. इसके बाद हवन कुंड पर स्वास्तिक बनाना होता है और उसकी पूजा की जाती है. आगे बढ़कर, हवन कुंड पर अक्षत, फूल, और चंदन का आर्पण करना होता है.

साथ ही बता दें कि हवन की विधि में हवन कुंड में आम की लकड़ियां रखकर उनके बीच में पान के पत्ते रखे जाते हैं और उस पर कपूर, लौंग, इलायची, बताशा आदि रखा जाता है. इसके बाद हवन कुंड में आम की लकड़ियां आग करने के लिए प्रज्वलित की जाती हैं और मंत्र के बोलने के साथ हवन सामग्री से अग्नि में आहुति दी जाती है. हवन करने के बाद 9 कन्याओं की पूजा की जाती है और उन्हें भोजन कराया जाता है. उनके पैरों को छूकर उनका आशीर्वाद लिया जाता है और फिर उन्हें दक्षिणा दिया जाता है.

इस रूप में नवरात्रि के महत्वपूर्ण दिनों में हवन करने की सही विधि को समझाया गया है. यह हवन एक माध्यम है जिसके माध्यम से हम मां दुर्गा के आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं और नवरात्रि की पूजा को संपूर्ण बनाते हैं. इस दिनों हवन करने से आत्मा की शुद्धि और मानसिक शांति होती है और हम दिव्यता की ओर एक कदम और निकट होते हैं.

Disclaimer: कृपया ध्यान दें कि यह जानकारी केवल मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है और इसके बारे में किसी विशेषज्ञ की सलाह लेना बहुत ही जरूरी है. 

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