मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले 9 नए चेहरों पर एक नजर
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मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले 9 नए चेहरों पर एक नजर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवर को केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार करेंगे. सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट में फेरबदल से पहले 6 मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है. 

त्रों के मुताबिक कैबिनेट में फेरबदल से पहले 6 मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है.  (file)

नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार करेंगे. सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट में फेरबदल से पहले 6 मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है. मीडिया की खबरों के मुताबिक 9 नए चेहरे रविवार को मंत्रीमंडल में शामिल होंगे. इनमें - हरदीप सिंह पुरी, गजेंद्रसिंह शेखावत, सत्यपाल सिंह, अल्फोंस कन्नाथनम, अश्विनी कुमार चौबे, शिव प्रताप शुक्ला, विरेंद्र कुमार, अंनत कुमार हेगड़े और राज कुमार सिंह शामिल हैं. मीडिया की खबरों के मुतबिक मौजूदा चार मंत्रियों का प्रमोशन होगा जिसमें निर्मला सीतारण, मुख्तार अब्बास नकवी, पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान शामिल हैं. एक सूत्र ने बताया, ‘‘नए मंत्रियों को अहम मंत्रालयों में रणनीतिक रूप से लाया जा रहा है खासकर लोगों तक सीधे पहुंच बनाने पर पूरा ध्यान है.’’  बता दें मई 2014 में पद संभालने के बाद मोदी अब तक दो बार मंत्री परिषद का विस्तार करचुके हैं. पहला विस्तार नौ नवंबर 2014 को और दूसरा विस्तार पांच जुलाई 2016 को किया गया था. 

  1. मोदी कैबिनेट का यह तीसरा फेरबदल है.
  2. नौ नवंबर 2014 को और पांच जुलाई 2016 को मंत्री परिषद का विस्तार किया गया था. 
  3. सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट में फेरबदल से पहले 6 मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है.

जानिए नए चेहरों के बारे में 

आर.के. सिंह
आरा बिहार से लोकसभा सांसद आर.के.सिहं 1975 बैच (बिहार काडर) के पूर्व आईएएस अधिकारी है. सिंह ने दिल्ली के सेंट स्टीफेन कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में पढ़ाई की है फिर कानून में बैचलर डिग्री हासिल की वह नीदरलैंड की आरवीबी ड्वेल्फ यूनिवर्सटी से भी पढ़ाई कर चुके हैं. अपने करियर में वह कई अहम पदों पर रहे हैं. वह भारत के गृह सचिव भी रह चुके हैं. 

अश्विनी चौबै
बक्सर, बिहार से लोकसभा सांसद अश्विनी चौबे लगातार 5 बार बिहार विधानसभा में विधायक रहे हैं. उन्होंने  8 साल तक स्वास्थ्य, शहरी विकास और जनस्वास्थ्य, इंजिनियरिंग जैसे विभागों की जिम्मेदारी संभाली. पटना यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के अध्यक्ष रहे चौबे, जेपी आंदोलन में भी सक्रिय रहे. 

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सत्यपाल सिंह
उत्तर प्रदेश के बागपत से सत्यपाल सिंह लोकसभा सांसद हैं. सिंह महाराष्ट्र कैडर से 1980 बैच के आईपीएस हैं.सत्यपाल सिंह मुंबई, पुणे और नागपुर के पुलिस कमीश्नर भी रहे हैं.इन्हें 1990 के दौर में मध्यप्रदेश और आंध्र प्रदेश में नक्सली इलाकों में काम करने के लिए भारत सरकार की ओर से 2008 में में आंतरिक सुरक्षा सेवा मेडल से भी नवाजा गया है.

शिव प्रताप शुक्ला
शिव प्रताप शुक्ला उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं. वह 1989 से 1996 तक लगातार चार बार विधायक रहे. यूपी सरकार में आठ साल तक कैबिनेट मंत्री रहे. उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की है. 1970 के दशक में छात्र नेता के तौर पर राजनीति में शुरुआत की. वह आपातकाल के दौरान 19 महीने जेल में बंद रह चुके हैं. 

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अनंत कुमार हेगड़े 
कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ से अनंत कुमार हेगड़े सांसद हैं. हेगड़े पहली बार 28 साल की उम्र में सांसद बने थे. यह संसद में उनका पांचवा टर्म है.अनंत को ग्रामीण भारत का गहरा जानकार माना जाता है. वह कदंम्ब नाम के एनजीओ (गैर सरकारी संस्था) के संस्थापक भी रहे हैं. अपने सांसदीय कार्यकाल के दौरान हेगड़े कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे हैं. 

गजेंद्र सिंह शेखावत
राजस्थान के जोधपुर से  गजेंद्र सिंह शेखावत लोकसभा सांसद है. वह वित्त मामलों पर बनी संसदीय समिति के सदस्य हैं और फेलोशिप कमिटी के चेयरमैन हैं. सोशल मीडिया पर खासे लोकप्रिय हैं. उन्होंने जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी से फिलॉस्फी में एमए और एमफिल की है. शेखावत खेलों में भी खासी रूचि रखते हैं.

अल्फोंज कन्ननाथनम
अल्फोंज कन्ननाथनम केरल कैडर के 1979 बैच के पूर्व आईएएस ऑफिसर हैं. अल्फोंज एक वकील भी हैं. अल्फोंज डीडीए के कमिश्नर भी रह चुके हैं. बतौर डीडीए कमिश्नर उन्होंने 15, 000 अवैध इमारतों का अतिक्रमण हटाया. इस कार्रवाई के बाद बाद वह दिल्ली के डिमॉलिशन मैन के रूप में मशहूर हो गए.  अल्फोन्स ने 'मेकिंग अ डिफरेंस' नामक पुस्तक भी लिखी है, जो बेस्टसेलिंग किताब बनी.आईएएस से रिटायर होने के बाद अल्फोंज ने राजनीति में कदम रखा.

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वीरेंद्र कुमार, 
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से सांसद वीरेंद्र कुमार 6 बार से लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वीरेंद्र कुमार दलित समुदाय से आते हैं. 70 के दशक में जेपी आंदोलन से जुड़े रह चुके हैं. श्रम मामलों पर संसद की स्थायी समिति के चेयरमैन रह चुके हैं. लेबर एंड वेलफेयर और एससी-एसटी वेलफेयर कमिटी के सदस्य भी रहे हैं.

हरदीप पुरी
हरदीप सिंह पुरी 1974 के बैच के पूर्व भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के अधिकारी रह चुके हैं. पुरी को विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों का जानकार माना जाता है. हरदीप पुरी पूर्व में विकासशील देशों के रिसर्च एंड इंफोर्मेशन सिस्टम (आरआईएस) थिंक टैंक के अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके अलावा वह न्यू यॉर्क में अंतरराष्ट्रीय शांति संस्थान (आईपीआई) के उपाध्यक्ष भी रहे हैं.

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