यहां प्रशासन ने बिना जांच पड़ताल किए शादी-शुदा जोड़ों की दोबारा शादी करा दी. इतना ही नहीं कई अपात्रों को अनुदान भी दे दिया.
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बागपत: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह योजना पर जिला प्रशासन की लापरवाही ने पलीता लगा दिया. यहां प्रशासन ने बिना जांच पड़ताल किए शादी-शुदा जोड़ों की दोबारा शादी करा दी. इतना ही नहीं कई अपात्रों को अनुदान भी दे दिया. अनुदान के लालच में दोबारा शादी करने पहुंचे दर्जनों शादीशुदा जोड़ों से बात करने पर मामले का खुलासा हुआ.
दरअसल, बागपत में कल (बुधवार को) सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. सामूहिक विवाह योजना के तहत यहां 101 बेटियों की शादी कराई जानी थी. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण यहां शादीशुदा जोडों की दोबारा शादी करा दी गई. शादी में पहुंचे जोड़ों से बात करने पर पता चला कि उनकी तो पहले ही शादी हो चुकी है. दोबारा शादी करने आए बिजेंद्र कुमार ने कहा कि प्रसासनिक अधिकारियों ने अनुदान का लालच देकर दोबारा शादी करने के लिए बुलाया है.
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जोड़ों की प्रशासन ने नहीं काराई जांच
कार्यक्रम में जिले के सभी प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे. लेकिन शादी कराने पहुंचे करीब 92 जोड़ों की प्रशासन ने कोई जांच नहीं की. जिनमें बिना किसी जांच के करीब एक दर्जन शादीशुदा जोड़ों की दोबारा शादी करा दी गई. इनमें से अधिकतर की शादी पिछले साल दिसंबर, जनवरी और फरवरी में हो गई थी. कार्यक्रम में शादी कराने आए पंडित ने कहा कि इस तरह से दोबारा विवाह करना शास्त्रों के साथ खिलवाड़ है.
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प्रशासन की लापरवाही
यहां सवाल ये उठता है कि भले ही शादी करने पहुंचे जोड़े अनुदान के लालच में आए थे, लेकिन जिला प्रशासन ने इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया. मामले का खुलासा होने पर डीएम बागपत ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया. लेकिन कभी तक लापरवाह अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. बागपत के जिला अधिकारी ऋषिरेंद्र कुमार ने पूरे मामले में लापरवाही पर जांच कराकर सख्त कार्रवाई करने की बात कही.
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जोड़ों को दिए 20 हजार रुपए और अन्य सामान
इस सामूहिक शादी कार्यक्रम में करीब 42 हिंदू और 50 मुस्लिम जोड़े शादी करने के लिए आए थे. जिला प्रशासन ने सभी जोड़ों को बीस हजार का चेक और शादी में जरूरत के कई सामान भेंट किए.