ZEE Jankari : द‍िल्‍ली की सर्दी ने 10 साल के र‍िकॉर्ड तोड़े
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ZEE Jankari : द‍िल्‍ली की सर्दी ने 10 साल के र‍िकॉर्ड तोड़े

अगला विश्लेषण आपकी सेहत और जीवन से जुड़ा हुआ है इसलिए आपको इस पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत हैं. पूरे उत्तर भारत में ठंड बढ़ गई है. पिछले 10 वर्षों की तुलना में ठंड ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं. और इस सर्दी का सबसे बुरा असर पड़ा है.  देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास की हवा पर. ठंड के साथ इस इलाक़े में प्रदूषण, खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है.

 ZEE Jankari : द‍िल्‍ली की सर्दी ने 10 साल के र‍िकॉर्ड तोड़े

अगला विश्लेषण आपकी सेहत और जीवन से जुड़ा हुआ है इसलिए आपको इस पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत हैं. पूरे उत्तर भारत में ठंड बढ़ गई है. पिछले 10 वर्षों की तुलना में ठंड ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं. और इस सर्दी का सबसे बुरा असर पड़ा है.  देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास की हवा पर. ठंड के साथ इस इलाक़े में प्रदूषण, खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है.

Central Pollution Control Board के मुताबिक दिल्ली और आसपास के इलाके में आज औसत Air quality index 468 रिकॉर्ड किया गया. ये सामान्य स्तर से 8 गुना ज़्यादा है. आजकल ना तो पराली जल रही है और ना ही पटाखे जलाए गये हैं. इसके बावजूद आज इस इलाक़े में साल का दूसरा सबसे प्रदूषित दिन था. इसलिए आज ये आत्ममंथन करने का दिन है - कि आखिर कमी कहां रह गई?

अब दिल्ली वालों के लिए सामने ये समस्या है कि वो अपनी ज़िंदगी बचाने के लिए जाये तो कहां जाएं. हमारे देश का सिस्टम प्रदूषण की समस्या के सामने हार मान चुका है. ये अजीब विरोधभास है कि हमारे देश में Central Pollution Control Board यानी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तो हैं लेकिन ज़मीनी स्तर पर प्रदूषण का नियंत्रण करने वाली कोई संस्था नहीं है. सिर्फ़ नाम के आगे नियत्रंण बोर्ड लगा लेने से समस्या ख़त्म नहीं हो जाती है. अगर ऐसा होता तो पिछले साल देश में प्रदूषण से 12 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत नहीं होती. वैसे तो भारत में साल के 12 महीने प्रदूषण की समस्या बनी रहती है, लेकिन सर्दी के मौसम में विशेष ध्यान देने की ज़रूरत हैं.

आपको शायद इस बात का एहसास नहीं होगा कि सर्दी के मौसम में प्रदूषण का स्तर बहुत तेज़ी से बढ़ता है. मौसम में नमी होने के कारण प्रदूषण के बारीक कण वातावरण में घुल जाते हैं. और वो हवा के साथ ऊपर की तरफ नहीं जाते. जबकि गर्मी के मौसम में. हवा नीचे से ऊपर की तरफ बहती है, और प्रदूषण को अपने साथ ले जाती है. इससे प्रदूषण के स्तर में कुछ कमी आती है.
 
फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को ये सलाह दी गई है कि वो Morning walk के लिए कुछ दिन का इंतज़ार करें. अस्थमा, डायबिटीज और ह्दय रोग के मरीज़ों को ज़्यादा सावधानी बरतने की ज़रूरत है. अगले 7 दिनों में ये समस्या और बढ़ने वाली है क्योंकि आने वाले दिनों में तापमान और गिरेगा. जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा. यानी क्रिसमस और नये साल के जश्न से पहले आपको, बिना मांगे ही, प्रदूषण वाला गिफ्ट मिल गया है.

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