चारा घोटाला : सजा कम करने के लिए लालू यादव पेश कर रहे हैं तरह-तरह की दलीलें
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चारा घोटाला : सजा कम करने के लिए लालू यादव पेश कर रहे हैं तरह-तरह की दलीलें

रांची में सीबीआई की विशेष अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सजा पर बहस हो रही है. सजा कम करने के लिए खुद लालू यादव और उनके वकील तरह-तरह की दलीलें पेश कर रहे हैं. 

देवघर कोषागार से अवैध रूप से पैसा निकालने के मामले में जेल में बंद हैं लालू यादव (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : चारा घोटाले के एक मामले में 23 दिसंबर से जेल में बंद आरजेडी प्रमुख तथा बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को आज शनिवार को सजा सुनाई जा सकती है. रांची में सीबीआई की विशेष अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सजा पर बहस हो रही है. लालू के वकील ने उन्हें कम से कम सजा देने की अपील की है. उन्हें इस मामले में अधिकतम सात साल या न्यूनतम एक साल की सजा हो सकती है. सजा कम करने के लिए खुद लालू यादव और उनके वकील तरह-तरह की दलीलें पेश कर रहे हैं. इस दलीलों के चलते कई बार अदालत के गंभीर में माहौल में हंसी के फव्वारे छूटते दिखाई दिए.

  1. चारा घोटाले के एक मामले में दोषी लालू प्रसाद यादव
  2. देवघर कोषागार से अवैध रूप से 89 लाख रुपए निकाले
  3. 23 दिसंबर को गिरफ्तार किए गए थे लालू यादव

किडनी की है बीमारी
सजा पर सुनवाई के दौरान लालू यादव ने सीबीआई जज से जेल की असुविधाओं का मुद्दा कई बार उठाया है. पहले दिन सुनवाई के दौरान लालू ने वकील ने दलील दी थी कि लालू को किडनी की बीमारी है. वह डायबिटीज के मरीज हैं और उनके दिल का ऑपरेशन भी हो चुका है. इसलिए उन्हें कम से कम सजा दी जाए.

जेल में गंदगी से हो सकता है इन्फेक्शन
जब स्वास्थ्य का मामला जज के सामने काम नहीं कर पाया तो वकील ने जेल में व्याप्त असुविधाओं का मुद्दा उठाया. वकील ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को जेल में शु्द्ध पानी नहीं मिल रहा है, इससे उनकी किडनी पर असर पड़ सकता है. जेल में मौजूद गंदगी से उन्हें इन्फेक्शन होने का डर है. लेकिन जज के सामने ये दलीलें भी ज्यादा देर टिक नहीं सकीं. 

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रांची में सीबीआई कोर्ट में पेशी के दौरान लालू प्रसाद यादव

जेल में मिलने नहीं दिया जाता
गुरुवार को जब राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने शिकायत की कि उनके परिचितों को उनसे जेल में मिलने नहीं दिया जा रहा है तो न्यायाधीश ने हंसते हुए कहा कि इसीलिए तो आपको अदालत में बुलाते हैं जिससे आप सबसे मिल सकें जिसके बाद अदालत में हंसी के फव्वारे फूट पड़े. इसके बाद अदालत ने टिप्पणी की कि अब अदालत में आपकी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी की व्यवस्था के बारे में विचार किया जा रहा है. इस पर लालू ने अनुरोध भरे स्वर में कहा, ‘साहब मुझे अदालत में सशरीर बुलाकर अपना फैसला सुनायें.’ इस पर अदालत ने कहा, ‘आपकी पेशी अदालत में कैसे करायी जाये इसके बारे में कल ही फैसला करेंगे.’ लालू ने कहा, ‘साहब फैसला देने के पहले ठंडे दिमाग से विचार करियेगा.’ इस पर न्यायाधीश ने कहा, ‘आपके शुभचिन्तक दूर-दूर से फोन कर रहे हैं.’ 

जब जज महोदय ने कहा, 'तबला बजाइये'
इसके बाद लालू ने कहा, ‘हमने कुछ नहीं किया जज साहब, जेल में बहुत ठंड लगती है.’ लालू की दलील सुनकर जज ने कहा, 'तो तबला बजाइए.' जज का यह जवाब सुनकर वहां मौजूद सभी लोग हंस पड़े. इसके बाद लालू ने मजाकिया अंदाज में एक और दलील पेश करते हुए कहा, ‘जेल में एक किन्नर भी बंद है, गलती से आ गया है.’ इस पर न्यायाधीश ने भी हल्के अंदाज में कहा, ‘आप हैं तो सब ठीक हो जायेगा.’

जज ने कहा, आपके लिए कई लोगों ने सिफारिशें कीं
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में गुरुवार को दिन में ग्यारह बजे चारा घोटाले के इस मामले में दोषी करार दिए गए सभी 16 लोगों की सजा की अवधि पर बहस शुरू होनी थी लेकिन अदालत ने कार्यवाही शुरू होने के बाद इसके लिए दोपहर बाद दो बजे का समय तय किया. इसके चलते सुरक्षा कारणों के मद्देनजर लालू प्रसाद यादव को बिरसा मुंडा जेल से दोपहर पौने दो बजे सीबीआई अदालत में पेश किया गया. बहस के दौरान स्पेशल सीबीआई कोर्ट के जज शिवपाल सिंह ने लालू प्रसाद यादव से कहा, 'मुझसे कई लोगों आपके लिए सिफारिशें कीं लेकिन मैं कानून का पालन करूंगा.'

क्या है मामला
साल 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से पशु चारे के नाम पर 89 लाख, 27 हजार रुपए अवैध रूप से निकाले गए थे. लालू यादव उस समय बिहार के मुख्यमंत्री थे. उनके कार्यकाल में हुआ चारा घोटाला 950 करोड़ रुपए का है, जिनमें से एक मामला देवघर कोषागार से जुड़ा केस जुड़ा हुआ है और इसी मामले में लालू को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई गई है. लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाले से जुड़े कुल पांच मामलों में रांची में मुकदमे चल रहे थे जिनमें चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, 70 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में उन्हें तथा जगन्नाथ मिश्रा को 30 सितंबर, 2013 को दोषी ठहराये जाने के बाद पांच वर्ष कैद, 25 लाख रुपये जुर्माने एवं चार वर्ष कैद की सजा सुनायी जा चुकी है.

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