फ्रांस में आज दफनाए जाएंगे प्रथम विश्वयुद्ध में मारे गए भारतीय सैनिकों के अवशेष
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फ्रांस में आज दफनाए जाएंगे प्रथम विश्वयुद्ध में मारे गए भारतीय सैनिकों के अवशेष

भारतीय सेना की 39वीं रॅायल गढ़वाल राइफल्स के दो जवानों के अवशेषों को फ्रांस के ला जॉर्ज सैन्य कब्रिस्तान में 12 नवंबर यानि आज दफनाया जाएगा.

12 नवंबर को दफनाए जाएंगे जवान (फोटो-www.cwgc.org)

नई दिल्ली: भारतीय सेना की 39वीं रॅायल गढ़वाल राइफल्स के दो जवानों के अवशेषों को फ्रांस के ला जॉर्ज सैन्य कब्रिस्तान में 12 नवंबर को यानि आज दफनाया जाएगा. यह दोनों भारतीय सैनिक प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान फ्रांस में शहीद हो गए थे. खुदाई के दौरान अवशेषों के पास से जो सामान मिला था, उससे इन शहीद सैनिकों की पहचान भारतीय जवानों के रूप में हुई थी, जिसके बाद ये फैसला लिया गया. खुदाई में मिले दो अन्य अवशेष ब्रिटेन और जर्मन सैनिकों के माने जा रहे हैं.

  1. भारतीय सेना की 39वीं रॅायल गढ़वाल राइफल्स के हैं दोनों जवान
  2. 20 सितंबर को पेरिस के सैन्य कब्रिस्तान के पास मिले थे अवशेष
  3. अवशेषों के पास से बरामद सामान से हुई थी जवानों की पहचान

सेना ने एक बयान में इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पिछले साल 20 सितंबर को पेरिस से करीब 230 किमी दूर लावेन्टी सैन्य कब्रिस्तान के निकट रिचेबोर्ग गांव के दक्षिणी हिस्से में खुदाई के दौरान दो मानव अवशेष पाए गए थे. अवशेषों के पास से बरामद सामान की जांच के बाद उनकी पहचान 39वीं रॉयल गढ़वाल रायफल्स के जवानों की तौर पर हुई थी.

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बयान के मुताबिक, इन गुमनाम नायकों की कब्र के संरक्षक ‘‘राष्ट्रमंडल युद्ध कब्र आयोग कार्यालय’’ (सीडब्ल्यूडब्ल्यूजीसी) ने फ्रांसीसी सरकार और फ्रांस में भारतीय दूतावास के साथ परामर्श के बाद लावेंती सैन्य कब्रिस्तान में उन्हें पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ दफनाने का फैसला किया.

गौरतलब है कि प्रथम विश्वयुद्ध के समय गढ़वाल राइफल को 39 गढ़वाल राइफल के नाम से जाना जाता था. प्रथम विश्व युद्ध में भेजे गये गढ़वाली सैनिकों के शौर्य पराक्रम को देखते हुए युद्ध के बाद ब्रिटिश सरकार ने 39 गढ़वाल राइफल्स का नाम बदलकर 39 रॉयल गढ़वाल राइफल्स कर दिया था.

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आजादी के बाद इसमें से रॉयल शब्द हटा दिया गया. प्रथम विश्व युद्ध में फ्रांस में मारे गये नायक दरबान सिंह नेगी और राइफल मैन गब्बर सिंह नेगी को मरणोपरांत विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित किया गया था. इस युद्ध में गढ़वाल राइफल्स के कुल 678 जवान शहीद हुए थे.

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