हरियाणा : एक और अस्पताल ने थमाया 17 लाख रुपये का बिल, लेकिन नहीं बची महिला
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हरियाणा : एक और अस्पताल ने थमाया 17 लाख रुपये का बिल, लेकिन नहीं बची महिला

50 वर्षीय नाजमा परवीन को क्यूआरजी अस्पताल में डेंगू की शिकायत के चलते दाखिल करवाया गया था. महिला के भतीजे ने आरोप लगाया कि उसकी चाची की मौत अस्पताल के डाक्टरों की लापरवाही के चलते हुई है. 

प्रतीकात्मक फोटो

फरीदाबाद : नामी-गिरामी अस्पतालों के लंबे-चौड़े बिल और इलाज में लापरवाही के कारण मरीज की मौत के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. हरियाणा में गुडग़ांव के फोर्टिस मामले के बीच फरीदाबाद के अजरौंदा चौक स्थित क्यूआरजी सेंट्रल अस्पताल में भी ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है, जिसमें डेंगू की शिकायत को लेकर करीब 20 दिन पहले दाखिल हुई 50 वर्षीय महिला की मौत हो गई और अस्पताल प्रशासन ने उसका करीब 17 लाख रुपए का बिल बना दिया. महिला की मौत से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया, जिस पर मौके पर पुलिस ने पहुंचकर स्थिति को काबू किया. पुलिस ने मृतका के परिजनों से कहा कि अगर वह अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं तो उन्हें शव का पोस्टमार्टम करवाना पड़ेगा. परिजनों ने पोस्टमार्टम करवाना अपने धर्म के खिलाफ माना और शव लेकर चले गए.

  1. फरीदाबाद के QRG हास्पिटल ने बनाया 17 लाख का बिल
  2. मृतका के परिजनों का आरोप, डॉक्टरों की लापरवाही से हुई मौत
  3. पुलिस ने मामला शांत कराकर शव को परिजनों का सौंपा

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पुलिस प्रवक्ता के अनुसार जवाहर कालोनी निवासी 50 वर्षीय नाजमा परवीन को गत 20 नवंबर को क्यूआरजी अस्पताल में डेंगू की शिकायत के चलते दाखिल करवाया गया था, जहां उसका इलाज चल रहा था. महिला के भतीजे यूसूफ खान ने आरोप लगाया कि उसकी चाची नाजमा की मौत अस्पताल के डाक्टरों की लापरवाही के चलते हुई है और उसकी कई दिन पहले ही मौत हो चुकी थी. वेंटीलेटर पर उसके शव को रखकर अस्पताल वाले उनका बिल बढ़ाते रहे. इसको लेकर उनके सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

पुलिस ने परिजनों को शांत करवाकर उन्हें शव सौंप दिया. उधर, अस्पताल प्रबंधन ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि मरीज के इलाज में किसी तरह की कोई कोताही नहीं बरती गई. मरीज की मौत डेंगू से नहीं बल्कि किडनी में संक्रमण के चलते हुई है.

बता दें कि इससे पहले भी गुरुग्राम के हॉस्पिटल में डेंगू से पीड़ित एक बच्ची के 15 दिन के इलाज का बिल 16 लाख रुपये आया था. इस मामले मे ंभी बच्ची नहीं बची थी. बच्ची की मौत के बाद बिल और अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली को लेकर काफी हंगामा मचा. अंत में हरियाणा सरकार ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

(इनपुट भाषा से)

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