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श्रीनगर: कश्मीर (Kashmir) में हो रही हत्याओं के पीछे पाकिस्तान (Pakistan) का हाथ है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) की एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. इसकी एक टूलकिट (Toolkit) ज़ी न्यूज़ के हाथ लगी है, जिसमें ISI की नापाक साजिश बेनकाब हो गई है.
गोलगप्पे की रेहड़ी लगाने वाले की हत्या, उत्तर प्रदेश से आए कारपेंटर की हत्या, कश्मीरी पंडित और जाने-माने केमिस्ट की हत्या, महिला स्कूल प्रिसिंपल की हत्या, एक आम स्कूल टीचर की हत्या और घर में घुसकर दो मजदूरों की हत्या, इन सभी वारदातों को पाकिस्तान के इशारे पर काम करने वाले आतंकियों ने अंजाम दिया. इन हत्याओं से अफगानिस्तान (Afghanistan) में हो रहे अत्याचार की याद आती है, जहां इस्लामिक कट्टरपंथ के नाम पर तालिबान उन लोगों की हत्याएं कर रहा है, जो कट्टर जेहाद और शरिया को नहीं मानते. और इसी तरह के हालात कश्मीर में भी बनाए जा रहे हैं.
कश्मीर में हिंदुओं की हत्या के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का हाथ है. ये हम इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि इसकी टूलकिट हमारे पास है. जिसमें साफ लिखा है कि आतंकवादी किस योजना के तहत कश्मीर को काबुल बनाएंगे.
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भारत में दहशत फैलाने के लिए ISI की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और कई आतंकी संगठनों के लीडर्स के बीच हाल ही में PoK के मुजफ्फराबाद में मीटिंग हुई है. इस मीटिंग में भारत और जम्मू-कश्मीर को कैसे दहलाया जा सकता है, इस पर चर्चा हुई. ज़ी न्यूज़ को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI कश्मीर के लिए अफगानिस्तान मॉड्यूल पर काम कर रही है. जिसमें कश्मीर के लिए कई खतरनाक प्लान बनाए हैं.
आईएसआई के प्लान के मुताबिक, ऐसे लोगों को निशाना बनाने की योजना है, जो दूसरे राज्यों से कश्मीर आकर अधिकारी बने हैं या दूसरे राज्य से आकर कश्मीर में काम कर रहे हैं और रह रहे हैं. ऐसे कश्मीरी पंडितों की हत्या की जाएगी, जो 1990 के दशक में विस्थापित हो गए थे लेकिन फिर से कश्मीर लौटना चाहते हैं. एंटी टेरर ऑपरेशन में लगे जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान और उनके लिए काम करने वाले लोगों को टारगेट किया जाएगा. उनके घरों पर पेट्रोल बम, पत्थर से हमला करेंगे.
इसके अलावा सुरक्षाबलों का साथ देने वाले कश्मीरियों पर हमला होगा. साथ ही सरकारी संपत्तियों जैसे पुल, स्कूल, कॉलेज और खेल के मैदानों को नुकसान पहुंचाया जाएगा. साथ ही शिक्षण संस्थानों के मुखिया पर हमला करना भी इस साजिश का हिस्सा है.
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इस टूलकिट में ये लिखा है कि जिन खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन सरकार कराती है, उनका बहिष्कार होगा. जो कश्मीरी पंडित सरकार की तरफ से शुरू की गई नई योजना के तहत घाटी लौट रहे हैं, उन्हें अलग-थलग रखा जाएगा. और ऐसे Media House जो देशहित में खबरें दिखाते हैं, उनका Boycott करने की योजना है.
सूत्रों के मुताबिक, ISI ने आतंकी संगठनों के साथ मीटिंग में तय की है कि छोटे हथियारों जैसे पिस्टल, ग्रेनेड, पेट्रोल बम से इन हमलों को अंजाम दिया जाएगा. जैसा कि पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में हो भी रहा है और इससे यही लगता है कि ISI कुछ हद तक अपने मसूंबों में कामयाब भी हो रही है. इसकी वजह ये है कि आतंकियों के आका कश्मीर में अमन और चैन हजम नहीं कर पा रहे हैं.
आतंकी पहले सेना को निशाना बना रहे थे लेकिन आतंकियों के लिए सेना के जवानों के निशाना बनाना आसान नहीं है. इसीलिए वो अब अपने अफगानिस्तान मॉड्यूल पर काम कर रहे हैं यानी आम नागरिक को निशाना बना रहे हैं. अब समय जवाबी हमले का है और ये जवाबी हमला बहुत ही जोरदार और घातक होगा.
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