आंध्र के विभाजन के समय के मुद्दों पर दिया जाएगा ध्यान : अशोक गजपति राजू
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आंध्र के विभाजन के समय के मुद्दों पर दिया जाएगा ध्यान : अशोक गजपति राजू

लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जन आकांक्षाओं का ध्यान रखते हुए आंध्रप्रदेश से जुड़े मुद्दों का तर्कसंगत तरीके से समाधान निकाला जाना चाहिए.

गजपति ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हमेशा जन आकांक्षाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर पिछले करीब दो सप्ताह से संसद में जारी गतिरोध के बीच तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जन आकांक्षाओं का ध्यान रखते हुए आंध्रप्रदेश से जुड़े मुद्दों का तर्कसंगत तरीके से समाधान निकाला जाना चाहिए. केंद्रीय मंत्रिमंडल से हाल ही में अपना इस्तीफा देने के संबंध में गुरुवार को लोकसभा में बयान देते हुए राजू ने उम्मीद जताई कि आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय जो मुद्दे उठाए गए थे, उन पर तार्किक तरीके से ध्यान दिया जाएगा.

  1. विशेष राज्य के मुद्दे पर दो सप्ताह से संसद में जारी गतिरोध

    राजनीतिक विचारों को एक मंच पर जुटाने की कोशिश आसान नहीं- राजू

    आंध्र प्रदेश बुनियादी सुविधाओं और राजधानी से महरूम- राजू

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भाजपा की भूमिका को परोक्ष रूप से सराहा
उन्होंने एक तरफ मंत्री रहने के दौरान सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के मंत्रियों का शुक्रिया अदा किया और आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय विपक्ष के नाते भाजपा की भूमिका को परोक्ष रूप से सराहा, दूसरी ओर पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार पर निशाना साधा. जब राजू बयान दे रहे थे, तब आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे उनकी पार्टी के सदस्य भी आसन के पास खड़े थे. टीडीपी सांसद ने कहा कि सभी तरह के राजनीतिक विचारों को एक साझा मंच पर जुटाने की कोशिश आसान नहीं है, लेकिन प्रयास जारी हैं. लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हमेशा जन आकांक्षाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए.

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क्षेत्र में सबसे कम प्रति व्यक्ति आय
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अविभाजित आंध्र प्रदेश से अवैज्ञानिक तरीके से राज्य के विभाजन ने वहां की जनता को ऐसी स्थिति में पहुंचा दिया है, जहां लोग संस्थानों, बुनियादी सुविधाओं और राजधानी से महरूम हैं और लगातार सूखा तथा चक्रवाती तूफानों की वजह से क्षेत्र में सबसे कम प्रति व्यक्ति आय हो गई है. राजू ने कहा कि जिस तरह से विभाजन किया गया और उससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर जो दाग लगा, वह दुनिया के किसी भी लोकतांत्रिक गणराज्य में संभवत: और कहीं नहीं हुआ. सभी मुद्दों पर ध्यान देते हुए गहन विचार-विमर्श नहीं किया गया.

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गौरतलब है कि राजू ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग और राज्य से संबंधित अन्य मांगें पूरी नहीं होने पर असंतोष जताते हुए पिछले दिनों अपनी पार्टी के सहयोगी वाईएस चौधरी के साथ केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने आज कई मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के विरोध-प्रदर्शन के बीच अपना बयान दिया.

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